रामगढ़। तीस वर्षीय महिला सोनी देवी अपने एक माह के दुधमुंहे बच्चे के साथ रविवार शाम से रोबा कालोनी के एक मकान में भूखे प्यासे धरने पर बैठ गई है। महिला का कहना है की वो पहले से विवाहित है। पहले पति से उसका एक आठ वर्षीय पुत्र भी हुआ पर पति से संबंध अच्छा नहीं रहने और मारपीट करने के कारण उससे अलग होना चाहती थी।
इसी बीच करीब छः वर्ष पूर्व हजारीबाग जिले के रंजीत सिंह जो राेबा कॉलोनी में एक किराए के मकान में अपने माता पिता के साथ रहता है उससे फेसबुक के जरिए पहचान हुई और मामला प्यार में बदल गया।
लड़की के माता पिता बचपन में ही गुजर गए थे और आरा में रहने वाली मौसी ने उसे पाला पोसा था।जब वो जालंधर अपने पति के पास से अपनी मौसी के घर आई तो वहीं से रंजीत सिंह ने जाकर सोनी देवी को छः वर्ष पहले अपने साथ शादी कर रखने के लिए रामगढ़ ले आया और रेलवे स्टेशन रामगढ़ के आस पास किराए के मकान में उसके साथ पति पत्नी की तरह रहने लगा। इसी बीच उनके बीच शादी करने को लेकर विवाद होने लगा। महिला का आरोप है की साथ रहते हुए वो से सात बार गर्भवती हुई पर हर बार रंजीत सिंह ने उसका जबरदस्ती गर्भपात करवा दिया जिससे महिला क्षुब्ध रहने लगी और थाने में इसकी शिकायत की। वर्ष 2021 में मामला सखी वन स्टेप सेंटर पहुंचा जहां दरोगा राजे कुजूर ने दोनो समझौता करवाया और शादी करवा कर थाने से पति पत्नी की तरह जीवन यापन करने की नसीहत देते हुए विदा किया।
लेकिन दोनों का रिश्ता सुधरने के बजाय और बिगड़ता गया। महिला का आरोप है की इसी बीच उसे बहला फुसलाकर उसके पास रखे तीस हजार रुपए और करीब एक लाख का जेवर रंजीत सिंह ने ले लिया साथ हीं बंधन बैंक एवं अन्य एक बैंक से महिला के आधार कार्ड पर साठ हजार रुपए का लोन भी ले लिया। इसके बाद महिला फिर गर्भवती हुई तो गर्भपात करवाने का दबाव बनाने पर महिला ने साफ मना कर दिया जिसके कारा महिला को उसी किराए के मकान में छोड़ कर वो रोबा कालोनी स्थित अपने माता पिता के साथ किराए के मकान में रहने लगा । महिला ने डेढ़ महीने पहले एक बच्चे को जन्म दिया जिसका दोनों पांव टेढ़ा था । बच्चे का भरण पोषण और मकान का साल भर का बांकी किराया और घरखर्च मांगने पर रंजीत सिंह ने देने से मना कर दिया जिसकी शिकायत सोनी देवी ने महिला थाना रामगढ़ और राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद को दिया। दिए हुए आवेदन पर समझौते के तहत महिला से लिए तीस हजार रुपए नगद और एक लाख के जेवरात सहित कुल ढाई लाख रुपए पीड़िता को देने के लिए रंजीत सिंह राजी हुआ । पर अब पीड़ित महिला को पैसे देने या भरण पोषण देने से रंजीत सिंह मुकर रहा है। जिसपर समझौता करवाने वाले सामाजिक लोगों में भी रोष है।
पिछले पंद्रह दिन से टाल मटोल करने के बाद शनिवार को पैसे देने का वायदा कर रंजीत सिंह ने समय लिया पर रविवार सुबह से ही वो अपने माता पिता के साथ किराए के मकान में ताला जड़ कर फरार हो गया जहां खबर लिखे जाने तक पीड़िता न्याय मिलने की आस में धरने पर बैठी है।