मेदिनीनगर: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा ने सुभाष चौक पर दिहाड़ी मजदूरों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन से पहले मजदूरों के संघर्ष के इतिहास की चर्चा की गई।प्रेम प्रकाश ने 1886 में शिकागो में मजदूरों के द्वारा काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर व्यापक हड़ताल और मजदूरों की साझी शहादत का बखान करते हुए कहा कि हड़ताल के दौरान मजदूरों पर जो गोलियां चलाई गई और जो मजदूर शहीद हुए उनकी कमीज खून से लाल हो गई थी। मजदूरों के खून से रंगी कमीज आज लाल झंडा के रूप में मजदूरों का निशान बन गया। मजदूरों के इस हड़ताल का जो परिणाम निकला वह यह था कि मजदूरों के लिए 8 घंटा काम, 8 घंटा आराम और 8 घंटा मनोरंजन के लिए तय किया गया। जिसका फायदा आज मजदूरों को मिल रहा है।
इसके बाद इप्टा के कलाकारों ने शैलेंद्र द्वारा लिखित गीत झूठ से टक्कर लेने को सच्चाई जोश में आई है यह हक की लड़ाई है। गीत के साथ कई जनवादी गीत प्रस्तुत किये। गीतों के माध्यम से वर्तमान राजनीति के चेहरे को भी उजागर किया गया। साथ ही मजदूरों से अपील किया गया कि आज हमारी बुनियादी जरूरतों को दरकिनार कर धार्मिक व जातीय भेदभाव में फंसाया जा रहा है। जरूरत है जातिभेद और धर्म भेद से ऊपर उठकर प्रेम ,भाईचारा और बंधुत्व के साथ एकजुट रहने की।इस
मौके पर इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र कुमार मिश्र के साथ प्रेम प्रकाश, राजीव रंजन, शशि पांडे, अजीत कुमार, समरेश सिंह, अमित कुमार, घनश्याम कुमार, अरमान एवं निषाद खान उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में इप्टा के कलाकारों ने मजदूरों की एकता से संबंधित नारे लगाए। और मजदूर दिवस के मौके पर सभी मजदूरों को शुभकामनाएं दिया।