रांची। प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन्स वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा के प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की आज रांची में हुई बैठक में यह कहा गया है कि 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण को सफल बनाना है, तो यह अभियान विद्यालय को खोले बगैर संभव नहीं होगा। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुई पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक में कोविड विरोधी टीकाकरण अभियान को सफल बनाते हुए सुन्दर झारखण्ड,स्वस्थ झारखण्ड व शिक्षित झारखण्ड के सपने को पूरा करने में सरकार को हरसंभव सहयोग करने पर भी चर्चा हुई। इस मौके पर पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लालकिशोरनाथ शाहदेव,अरविन्द कुमार, महासचिव डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू भी उपस्थित थे।
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने बैठक में कहा कि संगठन राज्य में संचालित 47 हजार प्राईवेट स्कूलों की ओर से टीकाकरण अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जब स्कूली बच्चे शिक्षकों से प्रेरित होकर टीका लेंगे, तो कई भ्रांतियों के कारण या संक्रमण की गंभीरता को अनदेखी करने वाले उनके अभिभावक भी टीका लेने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रारंभ से ही राज्य में टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका रही है। आलोक कुमार दूबे ने कहा कि यह सही है कि देश में संक्रमण की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ा है, लेकिन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि 50 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ क्या क्लास नहीं चलाया जा सकता है, या फिर जिस क्लास रूम में 15 बेंच है, उसमें सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कक्षा नहीं शुरू किया जा सकता है, इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार समेत कई राज्यों में कक्षा 6 से 12वीं क्लास के बच्चों की ऑफलाइन पढ़ाई चल रही है, इसलिए झारखंड सरकार को भी राहत देना चाहिए।पासवा की बैठक में लिए गये निर्णयों से सरकार और संबंधित पदाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और उचित कारवाई किए जाने की मांग की जाएगी।
पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि नगर निगम निजी स्कूलों से 4 प्रकार का टैक्स वसूलती है, जिसमें कचरा टैक्स, होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स और ट्रेड लाइसेंस टैक्स शामिल है।इसके अलावा प्राईवेट स्कूलों को भवन किराया, बस का ईएमआई और शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन समेत अन्य खर्च करना पड़ रहा है, ऐसे में स्कूल बंद होने से पहली और दूसरी लहर में कई स्कूल बंद हो गये, अब यदि तीसरी लहर में भी ज्यादा दिन स्कूलों को बंद रखा जाए, तो इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों-कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी, जबकि सरकारी स्कूल के शिक्षकों को पढ़ाये या नहीं पढ़ाये, एक तारीख को वेतन मिलना तय होता है।
पासवा के प्रदेश महासचिव डॉ0राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पिछले दो वर्षां के दौरान कोरोना संक्रमण के कारण जब स्कूल बंद रहे और 18महीने बाद जब स्कूल खुले, तो दो महीने में ही बच्चों के अभिभावकों ने यह कहना शुरू कर दिया कि 18 महीने में उनका जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई हो गयी है। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला संस्थान अगर कोई है तो वह निजी विद्यालय हैं, निजी विद्यालय लगातार पिछले 2 वर्षों में बंद होते चले जा रहे हैं और यही स्थिति रही तो निजी विद्यालयों पर ताला लटक जाएगा, सरकार को चाहिए कि निजी विद्यालयों को संरक्षण देने का काम करें।
बैठक में प्रदेश महासचिव नीरज सहाय ने कहा अन्य बिमारियों की तरह कोरोना भी एक बिमारी है और इससे बचते हुए पठन पाठन के काम होते रहने चाहिए।ऑनलाइन से बच्चों को कभी शिक्षित नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश महासचिव निशा भगत ने कहा कि 2016 में जिन बच्चों ने जन्म लिया है आज तक उन बच्चों ने स्कूल का मुँह नहीं देखा और अगर यही स्थिति रही तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे।
बैठक के पूर्व राँची महानगर पासवा अध्यक्ष डा.सुषमा केरकेट्टा ने स्वागत भाषण दिया व बैठक का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने किया। बैठक में प्रदेश पासवा के उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव, महासचिव डा.राजेश गुप्ता छोटू,अरविन्द कुमार,बिपीन कुमार,निशा भगत,डा.सुषमा केरकेट्टा,आलोक बिपीन टोप्पो,सिस्टर कल्याणी टेटे,सुचिता एक्का,विनीता पाठक नायक,संजय प्रसाद, मोजाहिद इस्लाम, रॉबर्ट कुमार,अंशुमन मिश्रा,संदीप कुमार राणा,उजाला महतो,श्रद्धांजलि चाँद,उमेश प्रसाद मेहता,ज्ञानेश्वर दयाल,मो.मुमताज आलम,प्रवीण प्रकाश सिंह,आदित्य प्रसाद गुप्ता,अमीन अंसारी,मजीद आलम,रणधीर कुमार कौशिक,प्रमोद उपाध्याय, मनोज कुमार भट्ट ,नीरज कुमार मुख्य रुप से उपस्थित थे।