स्वच्छ जल मानवाधिकार है, जिसे उपलब्ध करवाने में विफल है झारखण्ड सरकार; सांसद जयंत सिन्हा ने सदन में उठाया मुद्दा

नई दिल्ली। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में माननीय हज़ारीबाग सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति श्री जयंत सिन्हा जी प्रतिदिन अपने संसदीय क्षेत्र व झारखण्ड से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर सदन का ध्यान आकृष्ट करवा रहे हैं।

उन्होंने 3 दिसंबर 2021 को सदन में शून्यकाल (जीरो ऑवर) के माध्यम से देश को झारखण्ड सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के विफल क्रियान्वयन से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के हर घर को शुद्ध जल पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। वे राज्य सरकारों को हर साधन उपलब्ध करवा रही है, मगर झारखण्ड सरकार की विफलता और अक्षमता के कारण झारखण्ड में यह योजना धरातल पर नहीं उतर रही है।

श्री जयंत सिन्हा जी ने कहा कि स्वच्छ जल मानवाधिकार है। झारखण्ड सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि वे हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने की व्यवस्था करे, लेकिन यह दुखद है कि राज्य में लगभग 50 लाख घरों में अभी तक शुद्ध जल पाइप से पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है। हज़ारीबाग और रामगढ़ में भी 3 लाख घर इस सुविधा से वंचित हैं। राज्य सरकार एक भी ज़िले में 100% घरों को पाइप से स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करवा पाई है।

उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय संस्थाओं और डीएमएफटी के माध्यम से जलमीनार बनाकर और चापाकलों के जरिये हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार को इस पर ठोस कदम उठाते हुए फण्ड का सही उपयोग कर युद्धस्तर पर इस योजना का क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है।

श्री जयंत सिन्हा जी ने राज्य सरकार से निवेदन किया कि वे केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को धरातल पर उतारे और हर घर को शुद्ध जल उपलब्ध कराये।

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