बैठक में 10 प्रस्तावों को किया गया पारित
रांची। झारखण्ड कोलियरी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक अध्यक्ष केन्द्रीय समिति शिबू सोरेन के अध्यक्षता में रांची के मोरहाबादी स्थित राजकीय अतिथिशाला के सभागार में सम्पन्न हुई।जिसमें सर्वप्रथम पिछले बैठक में लिए गए निर्णय एवं अध्यक्ष द्वारा किये गए कार्यवाही की सम्पुष्टि के पश्चात निम्नलिखित प्रस्तावों पर विचारोपरान्त सर्वसम्मती से निर्णय लिये गए ।
झारखंड मजदूर यूनियन के कार्यकारिणी में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र की मोदी सरकार के नीजिकरण के फैसले का झारखण्ड कोलियरी मजदूर यूनियन विरोध करता है। मोदी सरकार ने कोयले के वाणिज्यिक खनन के लिए 100 प्रतिशत एफ.डी.आई की अनुमति दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड में कोई एफ.डी.आई नहीं होगा, केन्द्र सरकार की मंशा संदिग्ध है। कोयला खान राष्ट्रीय संशोधन अधिनियम के तहत व्यावसायिक उद्देश्य के लिए निजी खनन के लिए कोयला क्षेत्रों के आवंटन की अनुमति दी गई है। साथ ही खान और खनिज विकास अधिनियम में नीलामी के मध्यम से नए कोयला खनन क्षेत्रों में आवंटन का प्रावधान है।
इस नए क्षेत्र में नए कोयला खान निजी और विदेशी संस्थाओं के हाथों ज्यादा जाएगें। कोल इंडिया के पास बहुत कम उसे घाटे की तरफ धकेला जाएगा। इस तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी कोल इंडिया इकाई नष्ट कर दी जाएगी और निजी हाथों को बेच डालने का रास्ता खुलेगा, जो देश की उर्जा और सुरक्षा को खतरे में डाल देगा।
केन्द्र की भाजपा नीत मोदी सरकार के द्वारा मजदूरों के अधिकार और लाभ से संबंधित प्रावधान जो 44 श्रम कानून में निहित थे उसे समाप्त कर चार कोड़ो में समेटने के निर्णय का झारखण्ड कोलियरी मजदूर यूनियन विरोध करती है।
44 श्रम कानून निरस्त कर चार श्रम कोडी लागू होने पर मजदूरों के वैध अधिकार उनके आका “कॉरपोरेट लॉबी के आदेशों पर बनेगें मेहनतकश जनता पर पूँजीपतियों, उद्योगपतियों की गुलामी थोपने की कोशिश हो रही है। औद्योगिक मजदूरी की पूरी संरचना बदल जाएगी और सिर्फ निश्चित अवधि के मजदूर ठेका मजदूर और अप्रेंटिस ही बच जाएगें। नियोक्ताओं के पास जब चाहे रखो जब चाहे निकालो का बेलगाम अधिकार होगा। मजदूर अपना कानूनी हक भी नहीं मांगेगे, क्योंकी उनकी नौकरी छीनने का भय बना रहेगा।
11वां राष्ट्रीय वेतन समझौता में विलम्ब हो रहा है। इस पर झारखण्ड कोलियरी मजदूर यूनियन चिन्ता प्रकट करता है। कोयला मंत्रालय, भारत सरकार एवं कोल इंडिया प्रबंधन से शीघ्र 11वीं राष्ट्रीय वेतन समझौता करने की माँग करती है। कोल इंडिया प्रबंधन के द्वारा 72500/- रू. बोनस का स्वागत करती है।
कोल इंडिया के सी.सी.एल./ बी.सी.सी.एल. / ई.सी.एल. के विभिन्न कोल परियोजना में अधिग्रहित भूमि रैयती बन्दोबस्ति, वन भूमि अधिकार प्राप्त पट्टे वर्षों से जोत आबाद भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 30 वर्षों से काश्तकारी दखल भूमि का नौकरी एवं मुआवजा भू-अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के तहत चार गुणा मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
कोल इंडिया में वैकल्पिक रोजगार के तहत सभी तरह के निविदा ठेका में 25 करोड़ तक स्थानिय विस्थापितों / प्रभावितों को दिया जाए एवं सभी तरह के बहाली में विस्थापितों को प्राथमिकता दिया जाए। कोल इंडिया के ऑउट सोर्सिंग कम्पनी में झारखण्ड सरकार के निर्देशों के अनुसार 75 प्रतिशत विस्थापित / प्रभावित स्थानीय लोगों की बहाली सुनिश्चित किया जाए तथा सभी कोल परियोजना में उत्पादन का 25 प्रतिशत कोयले का रोड सेल के माध्यम से विस्थापित बेरोजगारों को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध करवाया जाए।
गैरमजरूआ बंदोबस्ती भूमि को गलत ढंग से संदेहात्मक जमाबंदी घोषित कर रद्द किया गया है। परियोजना स्तर पर भौतिक सत्यापन कर 30 वर्षों से कायम दखल कब्जा एवं जमाबंदी रैयतों को नौकरी एवं मुआवजा दिया जाए।
सी.बी. एक्ट 1957 एवं भू-अर्जन पुनर्वास कानून 2013 के तहत खनन किये गए भूमि को पूर्व की भांति समतल कर मूल रैयतों को वापस किया जाए।
कोल इंडिया में सभी तरह के प्रशिक्षण, टेक्निकल माइनिंग अप्रेंटिस ओवरमैन, चालक आदि का प्रशिक्षण, मानदेय के तहत स्थानीय विस्थापित / प्रभावित शिक्षित बेरोजगार को बहाल किया जाए। गैरमजरूआ सरकारी बंदोबस्ती भूमि के बदले नौकरी एवं मुआवजा को लेकर उत्पन्न विवाद के निष्पादन के लिए यूनियन के प्रतिनिधि द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात कर समाधान किया जाएगा।
कार्यकारिणी की बैठक में हुए शामिल
उक्त बैठक में झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय उपाध्यक्ष मथुरा प्रसाद महतो, फागु बेसरा, योगेन्द्र प्रसाद महतो, शशांक शेखर भोक्ता, संयुक्त महासचिव लोबिन हेम्ब्रम, सचिव जयनारायण महतो, हरीलाल हांसदा, नकुल महतो, युद्धेश्वर सिंह, विनोद सिंह, सपन बनर्जी, सुखलाल मराण्डी संगठन सचिव विनोद कुमार पाण्डेय, कार्यकारिणी सदस्य संजीव बेदिया सहित कई पदाधिकारी गण शामिल हुए।