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खुले सत्र के साथ माले का छठा झारखंड राज्य सम्मेलन शुरू

संविधान की धज्जियां उड़ाकर कानून बना रही केंद्र सरकार : दीपांकर भट्टाचार्य

रामगढ़। भकपा माले का छठा दो दिवसीय झारखंड राज्य सम्मेलन शनिवार को शहर के गणक मैरिज हॉल के सभागार में ओपन सेशन के साथ आरंभ हुआ। सम्मेलन की शुरुआत माले नेता सह साहित्यकार कालेश्वर गोप ने झंडोत्तोलन कर दिया इसके उपरांत माले नेताओं ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित किए। ओपन सेशन की झारखंड संस्कृति मंच द्वारा गीत प्रस्तुत कर की गई। मंच संचालन बगोदर के माले विधायक विनोद सिंह ने की। मंचासीन नेताओं में मासस के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव, माले के पूर्व विधायक (बिहार) राजाराम सिंह, पर्यवेक्षक सह माले केंद्रीय सदस्य अमर, माले राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, बीएन सिंह, दयामनी बारला, हलधर महतो, मिथिलेश सिंह, शुभेंदु सेन, गीता मंडल, प्रेमचंद मुर्मू,  बलराम सिंह सहित अन्य शामिल रहे। सेशन में माले नेता हीरा गोप, भुनेश्वर बेदिया, पवन कुमार यादव सहित राज्य भर से आये तकरीबन 450 डेलिगेट्स ने भाग लिया।

सेशन की शुरुआत कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के संबोधन से हुई। सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एक ओर केंद्र सरकार लोगों को घरों में रहने और किसी तरह जान बचाने की बात कहती है और दूसरी ओर देश में संविधान होने के बावजूद जनविरोधी नये नये नियम बना बना रही है।

कहा कि सरकार देश को गिने चुने कॉरपोरेट घरानों के हाथों में सौंप रही है। पिछले 10 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर सरकार ने सरकार के खिलाफ जो मोर्चा बंदी कर रखी है उससे साफ है कि अब देश बदल रहा है। किसान आंदोलन में वामदलों ने महत्वपूर्ण समर्थन दिया है। किसान आंदोलन के समर्थन में  27 सितंबर को बुलाया गया भारत बंद ऐतिहासिक रहा। 10 माह के आंदोलन के बाद देश के किसान समझ चुके हैं कि जबतक देश में मोदी रहेगा यह कानून भी रहेगा। ऐसे कानूनों से छुटकारा पाना है तो ऐसी सरकार को ही हटाना होगा।

दीपांकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा है। इससे भी बड़ा झटका आनेवाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगेगा। जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी और भाजपा की सरकार सत्ता उपयोग उसी जनता के खिलाफ कर रही है। भाजपा और संघ हिंदुत्ववादी विचारधारा सांप्रदायिकता की राजनीति कर रहे हैं।