- विस्थापित संगठनों के नेता एवं प्रदर्शनकारी हुए शामिल
रांची। झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा और झारखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा सहित झारखंड में विस्थापन के खिलाफ आंदोलनकारी संगठन एचईसी कोयलकारी,नेतरहाट फायरिंग रेंज संघर्ष समिति एवं कर्णपुरा बचाव आंदोलन,सिंहपुर कठौतिया रेलवे लाइन, भारतमाला रोड, झारखंड राज्य स्वतंत्रता सेनानी विचार मंच जैसे विस्थापित संगठनों के नेता एवं हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी झारखंड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता के नेतृत्व में विधानसभा मार्च किया। इस विधानसभा मार्च में मुख्य रूप से भुवनेश्वर मेहता के साथ पुष्कर महतो, डॉ वासवी कीड़ो,बटेश्वर प्रसाद मेहता, गौतम सागर राणा,लखनलाल,अर्जुन कुमार, महेश बान्डो, गयानाथ पांडे, मोहम्मद हकीम शामिल रहे। इस अवसर पर 11 सूत्री मांगों से संबंधित एक मांग पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रतिनिधिमंडल के द्वारा सौंपा गया। ऐसे में बताना अहम यह होगा कि सौंपें गए मांग पत्र में विस्थापन एवं पूर्नवास आयोग का गठन एक माह के अन्दर करने, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करने, जबरिया भूमि अधिग्रहण बन्द करने एवं उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं करने, हजारीबाग जिले के बड़कागांव में गोन्दलपुरा, बादम, मोइत्रा कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द करने, रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए गैर मजरूवा जमीन के भूमि बैंक को रद्द करने,गेरमजुरवा जमीन जिसमें घर खेत बना हुआ है एवं कई दशकों से किसानों का कब्जा हैl लाखों परिवार का जीविका का साधन हैl उस जमीन का रसीद चालू करने एवं अधिग्रहण होने पर रैयती मान्यता देकर मुआवजा का भुगतान एवं अन्य सुविधा देने, झारखण्ड आंदोलनकारियों को जेल की बाध्यता समाप्त कर एक समान पेंशन देने व सभी आंदोलनकारियों को 50-50 हजार की सम्मान राशि एवं ताम्र पत्र देने,पर्यावरण को दूषित करनेवाले सभी कम्पनियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने, 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपया पेंशन देने एवं सस्ते दर पर समय पर खाद-बीज देने, बेरोजगार युवकों को रोजगार देने एवं जबतक रोजगार नहीं मिलता हैl तब तक प्रतिमाह 10 हजार बेरोजगारी भत्ता देने, जल, जमीन, जंगल की लूट को बन्द करने एवं लूट में शामिल राजस्व विभाग वन विभाग के पदाधिकारियों और भूमाफिया पर कार्रवाई करने एवं राजस्व विभाग सहित सभी विभागों में भ्रष्टाचार और लूट को बन्द करने संबंधित मांग शामिल हैं।