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61 वां सतचंडी महायज्ञ में बह रही है आस्था, भक्ति व शक्ति की गंगोत्री

  • 15 नवंबर को हवन व भंडारा के बाद संपन्न होगा संयुक्त महायज्ञ
  • 1963 में संयुक्त महायज्ञ की हुई थी शुरूआत

रामगढ़lआस्था,भक्ति व शक्ति की गंगोत्री संयुक्त महायज्ञ में बह रही है। बांके बिहारी राधा रानी किला मंदिर के प्रांगण में 61 वां सतचंडी और श्रीरामचरित्र मानस नवाह्परायण संयुक्त महायज्ञ जारी है। जिसमें श्रद्धालु डुबकी लगातर पुण्य अर्जित कर रहे है। बताते चले कि संयुक्त महायज्ञ की शुरूआत वर्ष 1963 में हुई थी। तब से लेकर निरंतर प्रत्येक वर्ष संयुक्त महायज्ञ शहर के धार्मिक श्रद्धालुओं के सहयोग से होता आ रहा है। महायज्ञ में बतौर यजमान आशीष अग्रवाल एवं उनकी धर्मपत्नी ममता अग्रवाल पूजन कर रहे है। जबकि, बतौर आचार्य पंडित गोविंद बल्लभ शर्मा प्रधान पुजारी किला मंदिर पूजन करवा रहे है। वैदिक मंत्रोच्चारण से वातावरण पूर्णत: भक्तिमय हो गया है। महायज्ञ में दस विद्वान ब्राह्मणों में मानस व्यास पंडित रविन्द्र पांडेय, सतेंद्र दुबे, सुरेश पांडेय, राजू पाठक, उपेंद्र पाठक, संजय पाठक, ब्रजेश पाठक, रास बिहारी पांडेय व चंदन पांडेय बतौर पाठकर्ता है। प्रतिदिन प्रात: काल श्रीगणेश पूजन, सहित अन्य देवी-देवताओं का पूजन होता है। पूजन के बाद सतचंडी एवं अपराह्न में श्रीरामचरित्र मानस नवाह्परायण का पाठ होता है। संध्या के समय प्रतिदिन हवन हो रहा है। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित गोविंद बल्लभ शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 15 नवंबर को हवन, अटूट भंडारा के बाद संयुक्त महायज्ञ की पूर्णाहूति होगी। उन्होंने कहा कि किला मंदिर प्रबंध समिति की देखरेख में संयुक्त महायज्ञ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिलावासियों के कल्याणार्थ यह संयुक्त महायज्ञ आयोजित है। उन्होंने जिलावासियों से आग्रह किया कि संयुक्त महायज्ञ में शामिल होकर पुण्य के भागी बने और अपना उल्लेखनीय सहयोग महायज्ञ में प्रदान करें। जिससे महायज्ञ सफलता के साथ संपन्न हो सके।