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रामगढ़ छावनी परिषद को बचाने के लिए रविवार से आंदोलन की धनंजय कुमार पुटूस ने की घोषणा

छावनी परिषद के विलय के विरोध में रविवार से व्यापक आंदोलन की हुई घोषणा

रामगढ़ को बर्बाद करने में सांसद, विधायक व वार्ड सदस्यों का भी है योगदान: पुटूस

रामगढ़l छावनी परिषद के नगर परिषद में विलय के विरोध में रामगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक प्रत्याशी सह रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति (आरबीएसएस) के केंद्रीय अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंदोलन की घोषणा कर दी है।
मीडिया को बताते हुए धनंजय कुमार पुटूस ने कहा है कि छावनी परिषद को समाप्त कर रामगढ़ शहर को राज्य सरकार द्वारा संचालित नगर निकाय बनाने की साजिश चल रही है। इसका हमलोग शुरू से विरोध कर रहे हैं। पूर्व में भी हमलोगों ने जनता को बताने का प्रयास किया था कि अगर छावनी परिषद का नगर परिषद में विलय जाता है, तो यहां रहने वाले लगभग 01 लाख आम नागरिकों व व्यापारियों पर टैक्स का आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। साथ ही साथ लोगो को अन्य बहुत सारी छुपी
हुई टैक्स व प्रशासनिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही साथ आपराधिक घटनाओं में वृद्धि होने की भी संभावना बढ़ जाएगी।
हमलोग जनता को व व्यापारियों को लगातार बता रहे है कि ऐसा नही है कि छावनी परिषद के नगर परिषद में विलय हो जाने से रातों रात विकास की गंगा बहनी शुरू हो जाएगी। वर्तमान में नगर परिषद क्षेत्र की क्या स्थिति है ये खुद देखा जा सकता है। इस विषय को लेकर रामगढ़ की आम जनता को भी जागरूक होना चाहिए नही तो धीरे धीरे रामगढ़ शहर वीरान हो जाएगा।
लगभग सभी प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद अभी सिर्फ दिखावा करने के लिए आम लोगो से आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है । शुरू में ही रामगढ़ में नागरिकों से आपत्ति दर्ज कराने का अवसर देना चाहिए था।
अगर रामगढ़ के आठो वार्डो का विलय नगर परिषद में हो जाता है और यहां के लोगो को परेशानी होती है तो कहीं न कहीं इसके दोषी सांसद,विधायक व सभी वार्ड सदस्य होंगे, क्योंकि इन सभी ने अपने स्वार्थ में इसका विरोध नही किया।
सांसद, विधायक व वार्ड सदस्यों को रामगढ़ शहर की जनता ने दिल खोल कर वोट दिया लेकिन इन सभी ने रामगढ़ की जनता को ठगने का काम किया है। इन्होंने शहर के विकास के बजाए इसे नगर परिषद में विलय करने पर ज्यादा जोर दिया, ताकि यहाँ के नागरिको और व्यापारियों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाए।
इनके रामगढ़ शहर के प्रति सौतेले रवैये के कारण आज शहर वीरान होता जा रहा है। छावनी परिषद को बचाने के लिए रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति (आरबीएसएस) दिनाँक 17/03/2024 (रविवार) से चरणबद्ध आंदोलन करेगी ताकि शहर में रहने वाले लगभग 1 लाख गरीब, मजदूर, किसान, मिडिल क्लास व व्यापारियों पर टैक्स व अन्य छुपे हुए प्रशासनिक परेशानियों का बोझ नही पड़े। लगभग 1 लाख लोगो से भरे रामगढ़ को बचा पाऊंगा या नही…इस आंदोलन में हमे जीत मिलेगी या नही ये मैं नही जानता, लेकिन रामगढ़ को बचाने के लिए मै प्रयास जारी रखूंगा।