भाजपा को लोकसभा चुनाव में रघुवर दास की खलेगी कमी
भाजपा को झारखंड में नहीं मिल रहा बड़ा ओबीसी चेहरा
रांचीl पूरे देश में आने वाले महीनो में लोकसभा चुनाव होना हैl मार्च के दूसरे सप्ताह में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती हैl इसको देखते हुए पूरे देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बनने लगा हैl देश में इस बार इंडिया गठबंधन एक होकर चुनाव लड़ने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैl
झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना प्रबल होते दिखने लगी हैl भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में उतर चुकी हैl लेकिन झारखंड में भाजपा को रघुवर दास के जैसा ओबीसी चेहरा अब तक नहीं मिल पाया हैl जिसकी कमी झारखंड में भाजपा को खल रही हैlवही झारखंड से रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बना देने के बाद वैश्य समाज के लोगों के मन में खटास उत्पन्न हुई हैl वही अन्य ओबीसी समुदाय के लोग भी रघुवर दास की कमी को मान रहे हैंl
चूकि झारखंड में इंडिया गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रही है l राहुल गांधी झारखंड में अपने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान ओबीसी जाति को लेकर भाजपा पर सीधा हमला करते नजर आए थेl झारखंड में इंडिया गठबंधन की नजर ओबीसी वोट बैंक पर हैl झारखंड में इंडिया गठबंधन आदिवासी,दलित और मुस्लिम वोट के साथ ओबीसी वोट के लिए भी काम कर रही हैl ऐसे में अगर भाजपा का ओबीसी वोट बैंक दरकता है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव परिणाम पर पड़ेगाl झारखंड में ओबीसी का एक बड़ा वोट बैंक माना जाता हैl जिसको लेकर हमेशा भाजपा दावा ठोकते रही हैl
झारखंड में कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोट को लेकर कई ओबीसी प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का मन बना रही हैl ऐसे में भाजपा को झारखंड में बड़ा नुकसान हो सकता हैl माना जा रहा है कि झारखंड में इस बार बाहरी-भीतरी और बैकवर्ड-फॉरवर्ड कार्ड भी जोरदार ढंग से खेला जाएगाl ऐसी स्थिति में भाजपा भी झारखंड में बहुत सोच समझ कर कदम उठाने का मन बनाया हैl हालांकि लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक झारखंड में भाजपा ही सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रही हैl लेकिन अब इंडिया गठबंधन की सीट सेयरिंग फार्मूला तय हो जाने के बाद इंडिया गठबंधन के दल भी लोकसभा चुनाव की तैयारी में उतर चुके हैंl
ऐसे में भाजपा को झारखंड में अपना ओबीसी वोट बैंक बचाने के लिए शायद रघुवर दास को फिर एक बार मैदान में लाना पड़ सकता हैl क्योंकि अभी तक झारखंड में रघुवर दास के टक्कर का कोई भी ओबीसी नेता खड़ा नहीं हो पाया हैl झारखंड में रघुवर दास की जरूरत महसूस होने लगी हैl क्योंकि आम लोग भी रघुवर दास के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुए कार्यों को लेकर चर्चा करने लगे हैंl कल तक जो लोग उनका विरोध करते थेlअब वह भी कहने को मजबूर हो गए हैं कि रघुवर दास के कार्यकाल में झारखंड में काफी विकास का कार्य हुआ थाl हालांकि भाजपा ने झारखंड में आदिवासी वोट को लेकर बाबूलाल मरांडी को मैदान में उतरकर एक बड़ा पासा फेंक दिया हैl लेकिन बाबूलाल के बराबरी के ओबीसी चेहरा नहीं होने के कारण भाजपा को परेशानी होते दिखने लगी हैl