रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम केस से जुड़े सीए मुकेश मित्तल की अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने मुकेश मित्तल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। पूर्व में सुनवाई पूरा होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी की ओर से हाई कोर्ट के अधिवक्ता एके दास और सौरभ कुमार ने पैरवी की।
मुकेश मित्तल पर वीरेंद्र राम की काली कमाई के लगभग 14 करोड़ रुपये को सफेद करने का आरोप है। इसके एवज में उसे मोटी रकम कमीशन के रूप में मिलती थी। इसके लिए उसने अपने कर्मचारियों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया था। पूर्व में मुकेश मित्तल की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट संबंधी याचिका को कोर्ट खारिज कर चुका है। उसकी अग्रिम जमानत याचिका को भी ईडी कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2023 को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसकी ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी।