Breaking News

जल आदि साजि सब द्रव्य लिया, कन थार धार नुत नृत्य किया। सुख दाय पाय यह सेवल हौं प्रभु पार्श्व सार्श्वगुणा बेवत हौं

रामगढ़। रांची रोड स्थित श्री पारसनाथ जिनालय मे 07 जनवरी को जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म वकल्याणक महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया।सर्वप्रथम श्री जी का जलाभिषेक एवेम शांतिधारा किया गयाl वही इस मौके पर भगवान पारसनाथ को पालना मे झूलाया गयाl
वही इस मौके पर जलाभिषेक पदम सेठी, योगेश कुमार,शांतिधारा सुरेश सेठी,डॉ शरद जैन, श्रीमति अरूणा जैन,भगवान पारसनाथ के माता पिता बनने का शोभाग्य कमल पाटनी, कविता पाटनी को मिलाlमंदिर जी मैं भगवान पारसनाथ स्वामी का पालना झुलाने का प्रोग्राम आयोजन किया गयाlछोटे बच्चे के द्वारा मंगलाचरण एवम स्वागत डांस किया गयाl
वही राहगीरों के बीच मीठी बूंदी वितरण किया गयाl

भगवान पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर हैं। उनकी मूर्ति के दर्शन मात्र से ही जीवन में शांति का अहसास होता है। पार्श्वनाथ वास्तव में ऐतिहासिक व्यक्ति थे। उनसे पूर्व श्रमण धर्म की धारा को आम जनता में पहचाना नहीं जाता था। पार्श्वनाथ से ही श्रमणों को पहचान मिली। वे श्रमणों के प्रारंभिक आइकॉन बनकर उभरे। पार्श्वनाथ के प्रमुख चिह्न- सर्प, चैत्यवृक्ष- धव, यक्ष- मातंग, यक्षिणी- कुष्माडी आदि है। समाज अध्यक्ष माणिक जैन,अरविंद सेठी, जंबू जैन,नरेंद्र छाबड़ा,पदम सेठी,राजू सेठी,नीरज सेठी,देवेंद्र गंगवाल,राजू पाटनी,ललीत चूरीवाल प्रोग्राम संयोजक संदीप सेठी एवम रितेश सेठी थे l