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भुरकुंडा में फिर चोरी, एक साथ चार दुकानों को बनाया निशाना

विधि-व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी रोष

चोरी की घटनाओं से पुलिस की हो रही छीछालेदर

क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और उनके झंडाबरदारों पर भी सवाल

भुरकुंडा (रामगढ़): क्षेत्र की विधि-व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। आए दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। एक महिने के अंदर चोरों ने जबदस्त उत्पात मचाया है। चोरों को पकड़ पाना भुरकुंडा पुलिस के बूते से बाहर होता दिख रहा है। इसबार चोरों ने शनिवार की रात भुरकुंडा के चार दुकानों में एक साथ चोरी कर ली। करकट उखाड़कर सभी दुकानों में चोरी की जा रही है। सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार भुरकुंडा ओपी के समीप गया बेटल शॉप में दुबारा चोरी हुई है। दुकान में रखे कई सामान की चोरी हुई है। बीते 28 अगस्त की रात में भी इस दुकान में चोरी हुई थी। जिसमें 5000 नकद और तकरीबन 15 हजार का सामान चोरी हुआ था। वहीं दूसरी ओर भुरकुंडा बाजार में जवाहनगर रोड स्थित बबलू जेनरल स्टोर से चोर दो चांदी का सिक्का, चांदी का लक्ष्मी गणेश की मूर्ति और नकदी एक हजार रुपये ले उड़े है। यहां से लगभग 10 मीटर दूरी पर स्थित राज जेनरल स्टोर में भी चोर कई सामान ले उड़े हैं। वहीं बोनर धौड़ा चौक पर राजकुमार जेनरल स्टोर में 2000 नकद और 5000 मूल्य के सामान की चोरी हुई है। भुक्तभोगियों ने भुरकुंडा ओपी में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। एक दुकानदार तो नुकसान पर मुआवजा भी मांग रहा है।

चोरी की घटनाओं से लोगों में दहशत

चोरी की घटनाओं से भुरकुंडा के लोग हैरान हैं और दहशत में भी हैं। पुलिस सांप गुजर जाने पर लाठी से लकीर पीटने की कहावत चरितार्थ करती दिख रही है। पुलिसिया अकर्मठता और कार्यशैली की अब चौक चौराहे पर चर्चा हो रही है। वहीं लोग राज्य और जिला की वर्तमान शासन व्यवस्था को लेकर भी कई तरह की बातें कह रहे हैं। यही नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी  कोस रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि हेलमेट नहीं पहनने पर ताबड़तोड़ जुर्माना वसूलने वाली पुलिस-प्रशासन पर क्या चोरी की इन घटनाओं और आम जनता को होते नुकसान की जवाबदेही बनती भी है या नहीं ?

नेताओं के झंडाबरदारों की भी नहीं खुल रही नींद

भुरकुंडा क्षेत्र में लगातार हो रही चोरी और क्षेत्र की बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था पर सांसद-विधायक सहित उनके नुमाइंदे और उनकी पार्टियों के झंडाबरदार भी शिथिल दिख रहे। बेहतर विधि-व्यस्था और विकास की दुहाई देकर अपने नेताओं के लिए घर-घर घूम वोट मांगनेवाले नुमाइंदों को भुरकुंडा के बिगड़ते हालात नहीं दिख रहे हैं। शायद चुनाव जरा दूर है इसलिए फिलहाल सामाजिक सरोकार के मुद्दों से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं भुरकुंडा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि और तथाकथित गणमान्य लोग भी चुप्पी साधे बैठे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हो रही है।