Breaking News

झारखंड में सांप्रदायिक धुव्रीकरण की साजिश को नाकाम करो: वामदल

वामदलों की बैठक में राज्य के ज्वलंत जन मुद्दों पर संयुक्त आंदोलन की बनी सहमति.

भाकपा, माकपा,भाकपा (माले), मासस,आरएसपी और एसयुसीआइ जैसे 6 वामदल हुए शामिल

झारखंड में वाम- जनवादी मोर्चा का होगा निर्माण

20 मई को राजधानी रांची में होगा संयुक्त कंवेंशन

रांची। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्यालय अल्बर्ट चौक रांची में वामदलों की बैठक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक की अध्यक्षता में हुई।भाजपा द्वारा एक ओर देश की राष्ट्रीय संपदा की लूट की जा रही है। दुसरी तरफ भारत का संविधान,देश के फेडरल ढांचे व जनतंत्र समेत आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है। इसके साथ ही सुनियोजित तरीके से सांप्रदायिक धुव्रीकरण की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए आम नागरिकों के बीच नफरत और घृणा का माहौल फैलाया जा रहा है।
झारखंड भी इनके मुख्य निशाने पर है। अभी इनका तय एजेंडा यह है कि आदिवासियों को ईसाई और गैर इसाई में विभाजित किया जाय,मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत की मुहिम तेज की जाए ताकि सांप्रदायिक धुव्रीकरण के माध्यम से अपने वोटों का आधार बढाया जाए। अभी रामनवमी के दौरान और उसके बाद आरएसएस – भाजपा ने झारखंड समेत गैर भाजपा शासित राज्यों में इसी एजेंडे को आगे बढाया है। झारखंड में भी निरसा, साहेबगंज और अब जमशेदपुर में इन तत्वों द्वारा उन्माद और उत्पात की सांप्रदायिक राजनीति के माध्यम से धुव्रीकरण की साजिश जारी है।लेकिन हेमंत सरकार इससे सख्ती से निपटने में राजनीतिक रूप से सफल नहीं हो रही है। जबकि भाजपा आक्रामक तरीके से हेमंत सरकार पर हमले कर रही है। आज राजधानी में भाजपाई गोलबंदी इसका उदाहरण है। इसका बात का उल्लेख आज वामदलों-भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), आरएसपी, मासस और एसयुसीआइ(सी) की संयुक्त बैठक से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया गया. बैठक में वामदलों ने अपनी अपनी एकता को मजबूत करते हुए अन्य सेक्युलर और लोकतांत्रिक राजनीतिक शक्तियों और सामाजिक संगठनों को एकजुट किए जाने के लिए पहल करने का निर्णय लिया।

झारखंड के वर्गीय और ज्वलंत जन मुद्दों पर संयुक्त आंदोलन

राज्य में विस्थापन – पलायन, जमीन के मुद्दे, 5 वीं अनुसूची के अंर्तगत ग्राम सभाओं के अधिकार, पेसा, काश्तकारी कानूनों की रक्षा, वन संरक्षण कानूनों में परिवर्तन, मनरेगा, मजदूरों का न्यूनतम वेतन, एचईसी और कोयला व इस्पात उधोगों समेत झारखंड के सार्वजनिक उधोगों की हिफाजत, राज्य के स्थानीय युवाओं का नियोजन,राज्य में जमीन के रिकार्ड का डिजटली करण के बाद किसानों और रैयतों के भूमि रिकॉर्ड में भारी अनियमितता, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा पर्यावरण, बढता भष्टाचार, नौकरशाही और हाथियों के मुक्त विचरण की बाधा के कारण राज्य के आधा दर्जन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जान माल की भारी क्षति जैसे मुद्दों को चिन्हित कर इस दिशा में आगे बढने के लिए एक साझा मांग-पत्र के आधार पर मजदूरों और किसानों के संयुक्त संघर्षों पर विशेष जोर देते हुए विभिन्न वर्गीय जनसंगठनों जैसे ट्रेड युनियंस और किसान सभायें तथा अन्य जनसंगठनों जिसमें युवा, छात्र, महिला और दुसरे प्रगतिशील संगठनों को लेकर एक साझा मंच का निर्माण किए जाने का फैसला हुआ। यह मंच झारखंड में आंदोलनों की आंच में तपकर वाम – जनवादी मोर्चा के रुप मे एक जनपक्षीय राजनीतिक विकल्प की दिशा में बढेगा। लेकिन इसके केंद्र में मुख्य रूप से वामपक्ष की पार्टियां उनके वर्गीय व अन्य जनसंगठन होंगें. इसके अलावा अन्य वामपंथी समुह और बुद्धिजीवी, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में बिखरे समाजवादी तथा सेक्युलर पूंजीवादी पार्टियों के लोकतांत्रिक हिस्से, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं व अल्पसंख्यकों के जनतांत्रिक संगठन और प्रगतिशील – जनवादी संस्कृति के पक्षधर कलाकार वाम – जनवादी मोर्चा के विस्तार को सशक्त करेंगे।
आज की बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव में यह कहा गया है कि वामदलों की यह संयुक्त पहल झारखंड में एक जनपक्षीय राजनीतिक विकल्प की दिशा को तय करने के लिए की जा रही है। बैठक में भाकपा के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, महेंद्र पाठक, अजय सिंह,के. डी. सिंह, माकपा के प्रकाश विप्लव, सुखनाथ लोहरा, समीर दास, प्रफुल्ल लिंडा,भाकपा (माले) के मनोज भक्त, मासस के राजेन्द्र गोप, सुशांत मुखर्जी, आरएसपी के गणेश दिवान समेत वामदलों के अन्य नेता शामिल थे। बैठक के प्रारंभ में राज्य के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो और मार्क्सवादी चिंतक सुनीत चोपड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। बैठक की अध्यक्षता महेंद्र पाठक ने की।
वामदलों की ओर से अजय सिंह द्वारा जारी।