रांची । झारखंड विधानसभा के नए भवन और हाईकोर्ट के निर्माणाधीन नए भवन की इमारत को पर्यावरणीय अनुमति के बिना बनाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा सरकार पर 130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद से झारखंड में जहां राजनीति गरमा गई है, वहीं दूसरी ओर सरकार इस आदेश से सकते में है। झामुमो, कांग्रेस समेत कई दल इन भवनों के निर्माण में विभिन्न गड़बडिय़ों का मुद्दा उठाते हुए भाजपा और पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हैं
सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हैं। उधर, दलगत राजनीति से इतर एनजीटी के आदेश को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर इस आदेश को लेकर मंथन की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि कोई और रास्ता न दिखने की सूरत में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है। बता दें कि एनजीटी के आदेश के 90 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है। राज्य सरकार इस बाबत सैद्धांतिक निर्णय लेगी, इसमें अब संशय की गुंजाइश नहीं दिखती है।
विधानसभा और हाईकोर्ट से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है
फिलहाल सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई और रास्ता नजर नहीं आ रहा है। अभी राज्य के महाधिवक्ता क्वारंटाइन में हैं। उनके ठीक होते ही विधिसम्मत इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। विधानसभा और हाईकोर्ट से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फाइलों के अवलोकन में यह भी सामने आया है कि विधानसभा के नए भवन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन कराए जाने से पूर्व पर्यावरणीय अनुमति ली गई थी।