बड़कागांव संवाददाता
मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है।इस्लामी वर्ष में या रमजान के बाद सबसे पाक महीना माना जाता है।अरबी तारीख के अनुसार इस महीने की दसवीं तारीख को यौमे- ए – अशुरा कहते हैं।इसी दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई और हजरत इमाम हुसैन की शहादत से पहले ही इस्लाम में इस दिन की बड़ी फजीलत थी।
इसी महीने में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को अपना जन्मस्थान मक्का छोड़कर मदीना जाना पड़ा जिसे हिजरत कहते हैं।उनके नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार वालों की शहादत इसी महीने में हुई। इसी महीने को नबी सल्लल्लाहो वाले वसल्लम में अल्लाह का महीना इरशाद फरमाया है। मोहर्रम की 1 तारीख से 10 तारीख तक मातम किया जाता है और यह आशूरा के दिन फाका किया जाता है।