- वार्ता के बजाए टाना भगतों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज दुर्भाग्यपूर्ण
रांची। लातेहार के चंदवा में अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी व जतरा टाना भगत के अनुयायीयों पर लाठी चार्ज को भारतीय जनता पार्टी के सांसद समीर उरांव ने सरकार की दमनकारी नीति बताया है। उन्होंने आधी रात को टाना भगतों पर हुए लाठी चार्ज व धरना स्थल से कइयों की गिरफ्तारी किये जाने की भर्त्सना की।
यह सरकार पहले दिन से ही आदिवासी विरोधी है
उन्होंने कहा कि यह सरकार पहले दिन से ही आदिवासी विरोधी है।
कहा चाहे चाईबासा में 7 आदिवादियों की नृशंस हत्या हो सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या सभी मे इस सरकार का चरित्र उजागर हो चुका है।कहा कि रेलवे लाइन पर बैठे टाना भगतों को जोर जबरदस्ती करते हुए धरना स्थल से उठाकर सरकार वार्ता कर रही है। लोकतांत्रिक देश मे अलोकतांत्रिक तरके से जनता की आवाज रोकना उचित नहीं है।
सही समय पर जनता माकूल जवाब देगी
साथ ही उन्होंने बताया कि टाना भगत शांतिपूर्वक तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थें। धरना स्थल पर भजन कीर्तन, प्रार्थना के दौरान आधी रात को उनके ऊपर लाठी चार्ज किया जाना निरंकुश सरकार की पहचान है। राज्य सरकार की मंशा उनसे बातचीत की नही है। सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री बातचीत का दिखावा कर रहे भाजपा ने इससे पूर्व भी मांग किया था कि सरकार टाना भगतों से वार्ता करे। संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उनके मांगों को सुनने का काम करे। जबकि इसके विपरीत जाकर सरकार ने टाना भगतों के आंदोलन को कुचलने के कार्य किया है। सरकार के इन नीतियों को जनता देख रही है। जिसका सही समय पर जनता माकूल जवाब देगी।