- जिले में एक भी नही है एमओ, डीएसओ भी प्रभार में
अनवर हुसैन
जामताड़ा। जिला में पदाधिकारी की टोटा है। हर विभाग में पदाधिकारी की कमी है। पदाधिकारी की कमी के कारण दो से तीन विभागों के प्रभाBर में पदाधिकारी हैं। लेकिन एक अहम विभाग खाद्य आपूर्ति का होता है, को संपूर्ण रूप से प्रभार में चल रहा है। प्रखंड में एमओ से लेकर जिला आपूर्ति पदाधिकारी तक का पद प्रभार में चल रहा है। इसलिए विभाग में काम काज का प्रेशर भी पदाधिकारियों के पास अधिक है। अपने मूल विभाग के साथ साथ प्रभार वाले विभाग को भी देखना होता है।
जिले में न तो एमओ और ना ही डीएसओ
जिला आपूर्ति विभाग संपूर्ण रूप से प्रभार में चल रहा है। जामताड़ा जिला में 6 प्रखण्ड है। किसी भी प्रखंड में एमओ नही है। कहीं अंचलाधिकारी एमओ के प्रभार में हैं तो कहीं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एमओ के प्रभार में हैं। ऐसे समझ सकते हैं कि विभाग के पदाधिकारी कितने प्रेशर में काम करते होंगे। गरीबों कोब्रशन कार्ड उपलब्ध कराएंगे और ना ही किसानों को खाद बीज देने का काम करेंगे। ऊपर से कोरोना की ड्यूटी से सभी काम काज प्रभावित हो रहा है।
जानते हैं कौन क्या क्या प्रभार में हैं
नाला प्रखंड के बीसीओ जॉन मरांडी अपने मूल विभाग को छोड़ नाला व कुंडहित प्रखंड के एमओ के प्रभार में हैं।
कुंडहित बीसीओ राजेश कुमार फतेहपुर प्रखंड में एमओ के प्रभार में हैं।
जामताड़ा प्रखंड के बीसीओ अख्तर हुसैन कादरी जामताड़ा व नारायणपुर प्रखंड के एमओ के प्रभार में हैं।
वहीं कर्माताड़ प्रखंड में अंचलाधिकारी सचिदानंद वर्मा एमओ के प्रभार में हैं।
कार्यपालक पदाधिकारी प्रधान माजी जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग के साथ साथ जिला आपूर्ति पदाधिकारी के भी प्रभार में हैं।
क्या कहते हैं किसान
किसान खगेन चौधुरी, कालो लौह, बिपद खां, नंदलाल सोरेन ने कहा कि प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी व एमओ के समय पर नही मिलने से कई तरह की परेशानी होती है। समय पर राशन कार्ड बनाने के लिए एमओ नही मिलते हैं। खाद बीज व फसल बीमा की जानकारी लेने पहुंचने पर बीसीओ नही मिलते हैं। किसानों को समय पर धान बिक्री की राशि भी नही मिलती है।