सन 1980 से आपातकाल को काला दिवस के रूप में मना रही है भाजपा
आपातकाल को काला दिवस के रूप में मनाया गया,
लोगों ने कहा आपातकाल ने सबसे बड़े लोकतंत्र को काली कोठरी में धकेल दिया थ
हज़ारीबाग। शनिवार को अटल भवन के सभागार में आपातकाल दिवस कार्यक्रम को मनाया गया।अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अशोक यादव ने किया।अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर व गमछा ओढ़ाकर किया गया।कार्यक्रम के मुख्यातिथि पूर्व बिस सूत्री प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद थे। आपातकाल कार्यक्रम संयोजक सह लोकसभा सांसद प्रतिनिधि प्रो०सुरेंद्र सिन्हा ने विषय प्रवेश कराया श्री सिन्हा ने कहा कि 1974 का छात्र आंदोलन गुजरात से प्रारंभ हुआ।तत्कालीन सरकार के खिलाफ जनता आक्रोशित थी।छात्र आंदोलन उसी की देन है।धीरे धीरे आंदोलन देश मे विकराल रूप ले चुका था।उस समय जाति पाती का भेद भाव नही था भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ हमलोग विरोध करते थे। जनता का भरपूर सहयोग मिला।लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन चला पटना के गांधी मैदान में लाठीचार्ज हुई।1971 रायबरेली से इंदिरा गांधी चुनाव हार गई।
25 जून को जयप्रकाश जी ने इंदिरा गाँधी से इस्तीफा देने के लिए कहा।देश मे आपातकाल की घोषणा कर दी गई अख़बारों में सेंसर,आल इंडिया रेडियो पर सेंसर लगा दिया गया।26 जून 1975 को जो पेपर छपा था उसका पहला पृष्ठ काला था।मीसा के पी०आय०एल में सुनवाई की जा रही थी।मुख्यातिथि राकेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा आपातकाल दिवस पूरे देश मे मना रही है।1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तब से यह कार्यक्रम मनाई जा रही है।आपातकाल केवल इंदिरा गाँधी के चलते लगी थी।12 जून 1975 को इलाहाबाद हाइकोर्ट का आदेश आता है इंदिरा गाँधी के चुनाव को निरष्त किया जाता है।उस समय गुजरात से और कोर्ट से भी चुनाव को निरष्त कर दिया गया।संघ के कार्यकर्ताओं को टारगेट कर के गिरफ्तार कर लिया गया।यहाँ तक कि लाल कृष्ण आडवाणी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।जय प्रकाश नारायण ने एलान किया कि 29 जून 1975 को राष्ट्रपति भवन में धरना देंगे।पूरे देश मे आंदोलन चलाया जाएगा।श्री प्रसाद ने कहा कि उस समय पतरातू से 10 से 15 लोग मीसा के तहत गिरफ्तारी की गई।21 महीने के बाद इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी वापस लिया देश के अंदर चुनाव हुआ 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई।1977 में चुनाव हुआ उसमे जनता पार्टी का निर्माण हुआ और जनता पार्टी ने सरकार बनाई।आज उसी के नेतृत्व में हमलोग आपातकाल दिवस को मनाते है।देश के अंदर जनसंघ सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी।भारतीय जनसंघ को विलय करके सन 1980 में भाजपा का निर्माण हुआ।1984 में दो सांसद से सफर सुरु हुआ और आज 300 से भी ज्यादे भाजपा के सांसद है। जिला अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि करीब एक लाख नेताओं को जेल में डाल कर मीसा के तहत कार्यवाई की गई।अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि देश से बड़ी पार्टी नहीं है भारतीय जनसंघ का निर्माण देश के लिए हुआ है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के०पी ओझा ने कहा कि बहुत लोग इतिहास में भागीदारी करते है चंद लोगों में मुझे भी सौभाग्य प्राप्त है।सामाजिक बदलाव के लिए गुजरात से जो आंदोलन की सुरुवात की गई थी वो सामाजिक आंदोलन थी।उसकी चिंगारी बिहार तक आ गई थी।राज्यसत्ता किसी के लिए प्रमाणित नहीं हो सकती।आज कॉंग्रेस का पतन का कारण यही है।बेकसूरों को प्रशासन पकड़ पकड़ कर ले जाती थी।श्री ओझा ने कहा कि सत्ता परिवर्तन होने से संपूर्ण परिवर्तन नहीं हो सकता है सिस्टम में परिवर्तन की आवश्यकता है।मौके पर हरीष श्रीवास्त्र ने कहा कि जे०पी मूवमेंट का मैं हिस्सा रहा हूँ।इंदिरा गांधी की पाँच सूत्री ने लोगों को यातनाएं दी।1942 कि बाद डिफेंस ऑफ इंडिया रूल लगा। इसके अंदर देश द्रोह का केश चलता था।1971 में आम चुनाव हुई राजनारायण और जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा गाँधी के साम्राज्य को ध्वस्त किया था।श्रीवास्तव ने कहा कि संजय गांधी ने लोकतंत्र को अपने हाथों में लिया था।सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था। इंदिरा गांधी के तानाशाह रवैये को लेकर 25 जून 1975 को इमरजेंसी लागू की गई थी।श्रीवास्तव ने कहा कि 1977 में चुनाव हुआ इंदिरा गांधी के वे तमाम लोग हर गए। जो भ्रष्ट प्रवृति के थे।धन्य हो हमारे जयप्रकाश नारायण जिन्होंने हमे रास्ता दिखाया।पिछड़ा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उदयभान नारायण सिंह,प्रदीप पाण्डे,सुदेश चंद्रवंशी,प्रो०संजय सिंह ने आपातकाल पर अपनी अपनी बातों को रखा।आपातकाल मीसा में जेल गए केदार सिंह,अशोक यादव,प्रो०सुरेंद्र सिन्हा,प्रदीप पांडेय,हरीश श्रीवास्त्र,प्रदीप कुमार फुटकुन,श्यामकिशोर सिंह,बिनोद कुमार बिगन आदि को माला पहनाकर गमछा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष दामोदर सिंह ने किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से बटेस्वर प्रसाद मेहता,भैय्या अभिमन्यू प्रसाद,राजेश गुप्ता,उमा पाठक,रमेश ठाकुर,सुनील साहू,सुनील कुमार मेहता,मूलचंद साव,नंदलाल मेहता,सेवालाल महतो,कृष्णा सिन्हा,बबन गुप्ता,विवेक बरियार,अनूप भाई वर्मा,मनमीत अकेला,अजीत चंद्रवंशी, नवीन रंजन दुबे,तनवीर अहमद,विजय वर्मा,मुनेश ठाकुर,रामकिशोर सावंत,बिनोद भगत,सुमन कुमार पप्पू,प्रफुल सिंह,मंजू मिश्रा,भानुमति पासवान,पुष्पा तिर्की,कुँवर मनोज सिंह, प्रदीप विश्वकर्मा,जुगनू सिंह,राजू सिंह,सरफराज हैदर,रविन्द्र लाल,सुरेश महतो,सुमित तिवारी,अरविंद सिंह,अर्जुन साव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित थे।