धनबाद में भाजपा ने काला दिवस मनाया

धनबाद में जिला स्तर के कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश पर आपातकाल थोपा था: प्रो यदुनाथ पांडे

धनबादझारखंड भाजपा ने आज 25 जून को पूरे प्रदेश में आपातकाल के विरोध में काला दिवस मनाया।आज के ही दिन 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।

भाजपा आज के दिन को काला दिवस मानती है।भाजपा के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत आज शनिवार को भाजपा की ओर से आपातकाल दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया गया।प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर कार्यक्रम हो रहे हैं। धनबाद जिले में भी कार्यक्रम हुआ। जिसमें पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे, बिहार झारखंड के संगठन प्रभारी नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, भाजपा विधायक राज सिन्हा, भाजपा नेता हरि प्रकाश लाटा, जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद सिंह सहित काफी संख्या में भाजपाई शामिल हुए। और आपातकाल को काला दिन बताते हुए लोगों को इसे नहीं भूलने की अपील की।भारतीय जनता पार्टी धनबाद महानगर द्वारा इंडस्ट्री ऑफ कॉमर्स नियर हावड़ा मोटर हॉल में आपातकाल को लेकर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे ने कहा कि सत्ता की लालच में एक परिवार ने देश पर आपातकाल थोपा था. आज ही के दिन 47 वर्ष पूर्व कांग्रेस द्वारा थोपा गया।आपातकाल देश के प्रजातंत्र पर किया गया सबसे बड़ा और कायराना हमला था।
दावा किया कि आपातकाल के दौरान लोगों से अंग्रेजी शासन से भी बुरा व्यवहार किया गया। इस निर्णय का विरोध करने वालों को कड़ी यातनाएं दी गईं।अकारण ही लाखों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया और अदालतों और प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई।इसके बावजूद लाखों लोकतंत्र सेनानियों ने यातनाओं को सहते हुए इस अनैतिक निर्णय का न सिर्फ विरोध किया बल्कि तानाशाह सरकार को सबक भी सिखाया।पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना में लोकतंत्र सेनानियों का बड़ा योगदान है। भाजपा जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर सिंह ने सम्बोधित करते हुए पूरा देश आज लोकतंत्र के काले अध्याय आपातकाल का 47 वां दिवस मना रहा है।यह स्वतंत्र भारत के इतिहास की ऐसी घटना है।जिसे भुलाया नहीं जा सकता।इस इमरजेंसी में कई राष्ट्र भक्तों को जेल में डाल उन्हें यातनाएं दी गई थी।धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि कहा कि आपातकाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, जनसंघ सहित तमाम राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा कर तात्कालिक प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी का तानाशाही चेहरा सामना आया था। आगे आने वाली पीढ़ी को यह सब कुछ जानना समझना चाहिए की क्या क्या हुआ है।


भाजपा नेत्री रागिनी सिंह ने कहा कि यह काला अध्याय था।इस अध्याय से बहुत लोग परेशान हुए। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की वो काली रात लोकतंत्र के इतिहास की वो दर्दनाक घटना है। जिसने प्रेस की स्वतंत्रता को भी छीन लिया था।.नागरिकों के अधिकारो पर कुठाराघात किया गया।