सरना धर्मेश प्राकृतिक अराधना के साथ अरगड्डा झोपड़ी में झंडा गड़ी व मिलन समारोह आयोजित

समाज की रक्षा के लिए बिरसा का उलगुलान और शिक्षा की जरूरत : सुशील 

गिद्दी। अरगड्डा झोपड़ी में आदिवासी समाज के द्वारा सरना झंडा गड़ी पहान बेचैन उरांव,रथु उरांव, राजू करमाली के द्वारा मां सरना धर्मेश प्राकृतिक देवता की आराधना के साथ विधिवत किया गया। इससे पूर्व डाड़ी से कलश में जल लेकर आदिवासी वेशभूषा में मांदर की थाप पर महिलाएं आई। कार्यक्रम की अगुवाई जय सरना ट्रस्ट कमेटी व सरना प्रार्थना सभा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मगुरु कृष्णा उरांव ने किया। जबकि संचालन जय सरना के केंद्रीय सचिव किरण मुंडा, पाहन सुरेश उरांव ने की। अवसर पर मुख्य अतिथि सुशील ओड़िया, आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुजूर, सरना धर्म सेवा नगड़ी धर्म अगुवा संजू बाबा, आदिवासी छात्र संघ जिला अध्यक्ष सुशील मुंडा, केंद्रीय उपाध्यक्ष छोटेलाल करमाली, आदिवासी जन परिषद केंद्रीय उपाध्यक्ष शत्रुधन बेदिया, जगनारायण बेदिया, एससी/एसटी के राजू उरांव, सोमदेव करमाली बुमरी मुखिया करण बेदिया, पार्षद 12 गोपाल मुंडा, अशोक करमाली, अशोक बेदिया, रंजीत पासवान, राजेश बेदिया, सुनीता देवी, मंजू देवी आदि रहें। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज का जीवन का संचार सरना धर्म प्रचार- प्रसार कर होना चाहिए। अपनी वेशभूषा संस्कृति और विचारों को संगठित करने की जरूरत है। अपने बच्चों को शिक्षित कर अच्छे भविष्य और कुरीतियों को समाज से हटाने की जरूरत है। आदिवासी समाज आदि पौराणिक समय से लगातार बनी हुई है। देश में 15 करोड़ से भी अधिक आदिवासी संख्या होने के बावजूद अभी तक धर्म कोड नहीं मिला है। जिसके लिए बिरसा के बताए मार्ग पर उलगुलान की जरूरत है। नशापान को त्याग कर आगे बढ़ने के लिए एकजुटता की आवश्यकता है। सरकार हम लोगों के विकास के लिए पहले हक व अधिकार पूर्ण रूप से दे। साथ ही जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए सीएनटी/ एसपीटी एक्ट के अलावे मजबूत कानून लागू करे। अंत में भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले हजारीबाग, रांची, बोकारो, रामगढ़, चतरा, खूंटी जिले के बच्चों को कॉपी डायरी देकर प्रोत्साहित किया गया। मौके पर पहान आशिष उरांव, अभय, दीपक उरांव, मुन्ना टोप्पो, बेचैन उरांव, राजू करमाली, जगनारायण करमाली, दीपक बेदिया, सुरेश करमाली, करमचंद उरांव, रथु उरांव समेत कई उपस्थित थे।