आईसीएआर शोध केंद्र, रांची एवं कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन

रामगढ़: आईसीएआर शोध केंद्र प्लांडू, रांची एवं कृषि विज्ञान केंद्र मांडू रामगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गोला प्रखंड कार्यालय के सभागार में किया गया।

इस दौरान किसानों को पादप किस्म संरक्षण एवं किसान अधिकार विषय पर जानकारी दी गई वही किसानों को परंपरागत किस्मों को संरक्षित करने के तरीकों के बारे में बताया गया। भारत सरकार के द्वारा एक विशेष प्राधिकरण बनाया गया है जो पुरानी किस्मों का संरक्षण करता है। किस्मों में विशेष गुण होने के कारण भारत सरकार ने किसानों को जागरुक कर उन को संरक्षित करने का अभियान छेड़ा है।

इस कार्यक्रम में शोध केंद्र प्लांडू के प्रधान डॉ ए के सिंह ने किसानों को विशेष जानकारी दी उन्होंने कहा कि हम इन किस्मों का संरक्षण कर खेती के उत्पादन में विशेष योगदान दे सकते हैंवही शोध केंद्र प्लांडू की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पी भावना ने किसानों कों परंपरागत किस्मों को रजिस्टर्ड करने के तरीकों के बारे में विस्तार से समझाया। तकनीकी अधिकारी श्री धनंजय कुमार ने किसानों को परवल की खेती की उन्नत तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गोला के सब्जी उत्पादन में नई फसलों का उत्पादन कर अधिक लाभ लिया जा सकता है। कार्यक्रम के संचालन के दौरान प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र, मांडू डॉ दुष्यंत कुमार राघव ने किसानों को खरीफ मौसम में धान की सुखा सहन करने वाली एवं कम पानी चाहने वाली किस्मों के बारे मेंजानकारी दी। आत्मा के बीटीएम श्री धर्मजीत कुमार ने संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रगतिशील कृषक श्री विजय ओझा ने भी किसानों को दलहनी खेती के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गोला प्रखंड के किसानों ने भाग लिया।