पटना/नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कई राज्यों में उपचुनाव कराने को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उपचुनाव और बिहार चुनाव के आसपास कराने का फैसला लिया है. देशभर के विभिन्न राज्यों में विधानसभा की कुल 65 और एक संसदीय सीट खाली हैं.
देश भर में एक साथ बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने जाने का फैसला
चुनाव आयोग ने बाढ़, बारिश और कोरोना महामारी को देखते हुए ये फैसला लिया है. चुनाव आयोग ने देश भर में एक साथ बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने जाने का फैसला लिया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, आयोग ने एक समय के आस पास सभी 65 सीटों पर उपचुनाव और बिहार का विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय लिया है. उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर चुनाव आयोग ने एक ठोस वजह बताई है. आयोग के मुताबिक, चुनाव को एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारकों में से एक सीएपीएफ या अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम इस्तेमाल करना है. चुनाव की तारीखों को लेकर हो रहे सवालों पर भी चुनाव आयोग ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव और साथ ही उपचुनावों के तारीखों का ऐलान आयोग द्वारा उचित समय पर कर दिया जाएगा.
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को हो रहा खत्म
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है। राज्य में उससे पहले चुनाव और नई सरकार का गठन होना है। अगर कम चरणों में मतदान होता है तो आयोग आसानी से मतदान की तिथियों को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक खींच सकता है। कोरोना काल मे इससे थोड़ा वक्त भी मिलेगा और बहुत लंबी प्रक्रिया से भी राहत मिलेगी।सामान्यतया कई चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार संभवत: अधिकतम दो चरणों में मतदान कराया जा सकता है।