राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण मंच के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के हरदेव जंगल का भ्रमण किया

स्थानीय लोगों से मंच के पदाधिकारियों ने की वार्ता

पलामूराष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक कमलेश कुमार सिंह संगठन के सदस्यों के साथ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 06 जून 2022 को छतीसगढ़ स्थित हसदेव जंगल का भ्रमण करते हुए,अडानी का रेलवे मार्ग, माइनिंग क्षेत्र, काटे गए पेड़ो को सहित स्थानीय नागरिकों से वार्ता किया गया।जहां पर पाया गया कि ग्रामीणों को विगत कई वर्षों से संचालित खदान के द्वारा भी कोई सुविधा उपलब्ध नही कराया गया है।साथ ही ज्ञात हुआ कि इसी वनक्षेत्र के माध्यम से उनकी जीविका भी चलती है। बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य सम्बंधित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो पाती है। ये वन ही नही रहेंगे तो उनके जीवन मौत के बराबर हो जाएगी। साथ ही तापमान में भी जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।

 

आंदोलन कर रहे महिलाओं ने बताया कि वे सभी विगत 95 दिनों से चाहे गर्मी हो या बरसात या ठंड इसी तरह जंगल मे पड़े हुए हैं। उनका अब घर जाना भी कम हो गया है। यही जंगल मे रहना खाना सब बन रहा है। बच्चों के शिक्षण पर ध्यान नही दे पा रहे हैं। इसी जंगल के सहारे उनकी जीविका चलती है। जंगल के पत्ते से दोना बनाकर, औषधीय पौधे के जड़ी बूटी से उनकी जीविका चल रही है। अब वह भी खत्म हो जाएगा। आगे बताते हुए महिलाओं के आंखों से आँसू भरभरा गई। इस जंगल की पूजा करते हैं उनकी अन्नदाता भी है। जब यही नही रहेगा तो हमलोग जी कर क्या करेंगे।
आगे कमलेश सिंह ने बताया की अगर हमसभी आगे आकर इन जंगलों को नही बचाये तो मरुभूमि बनने में समय नही लगेगा। क्योंकि पेड़ है वायु है,पेड़ है तो पानी है,पेड़ है तो नदी है,पेड़ है तो पहाड़ है,पेड़ है तो पानी की बूंदे है, पेड़ है तो अनाज है,पेड़ है तो मानव जीवन है,पेड़ है पशु पक्षी है,पेड़ है तो धरती है।


हमसभी को आगे आकर कभी बकस्वाहा जंगल, मध्यप्रदेश तो कभी हसदेव जंगल, छतीसगढ़ के संघर्ष करना पड़ता है। सरकार को वन क्षेत्रों में खनन किसी भी सूरत में बन्द कर देना चाहिए।ताकि भविष्य सुखमय हो सकें। भारत के सभी वनों को बचाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। आंदोलन कर रहे सभी को राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण मंच के द्वारा हर सम्भव मदद किया जाएगा।आपके साथ कदम से कदम मिलाकर हमसभी चलेंगे। बहुत जल्द एक बैठक आयोजित की जाएगी और आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस कार्यक्रम में आलोक शुक्ला सहित उड़ीसा से मनोज कुमार डागा, छतीसगढ़ से आदित्य कुमार, सुरेंद्र साहू, लव कुमार, प्रकाश बघेल, सहित हज़ारो की संख्या में महिला पुरुष बच्चे उपस्थित रहें।