• राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से कार्रवाई करने की हुई मांग
• कोयला के अवैध कारोबार में आईएएस और आईपीएस के शामिल होने की शिकायत
• रामगढ़ जिला से बड़े पैमाने पर चला है कोयले का अवैध कारोबार
• झारखंड सीआईडी के रिपोर्ट के बावजूद दोषी पर नहीं हो रही कार्रवाई
रांची/रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ जिला में कोयला का अवैध खनन और कारोबार राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। रामगढ़ जिले में पिछले दो से तीन वर्षों से कोयले का अवैध खनन और कारोबार बड़े पैमाने पर हुआ है। कोयला के अवैध कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गज शामिल हैं। कोयला के अवैध खनन और कारोबार के संबंध में झारखंड संदेश ने हमेशा खबरें चलाया है। अब झारखंड संदेश का खबर असर दिखा रहा है। रामगढ़ जिला में जिस प्रकार कोयले का अवैध खनन और कारोबार चला,वह झारखंडी हीं नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। इसके बावजूद रामगढ़ जिला में पदस्थापित अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर अब लोग सामने आने लगे हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की जाने लगी है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता रामसुभग सिंह ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि रामगढ़ एसपी कोयले का अवैध कारोबार करा रहे हैं। यह कारोबार सत्ता शीर्ष के दो महत्वपूर्ण लोग और एक वरिष्ठ आईएएस के साथ मिलकर हो रहा है। अधिवक्ता रामसुभग सिंह ने इसे लेकर सोमवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी नीरज सिन्हा से शिकायत की है। अधिवक्ता ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।शिकायत में कहा गया कि रामचंद्र रूंगटा,आलोक रूंगटा,रामगढ़ एसपी और एक वरिष्ठ आईएएस की मिली भगत से कोयले का अवैध कारोबार हो रहा है। वह कोयले में मिलावट करके बिक्री करा रहे है। अधिवक्ता ने शिकायत करते हुए कहा कि रामगढ़ जिले में सीआईडी ने कोयले की तस्करी को लेकर रिपोर्ट दी थी। लेकिन रामगढ़ पुलिस द्वारा कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। पिछले दिनों सीआईडी रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि रामगढ़ जिले में कोयले की तस्करी की जा रही है। सीआईडी जांच रिपोर्ट के अनुसार रामगढ़ जिले के बेस्ट बोकारो, कुजू ओपी और मांडू थाना क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र हेसागढ़ा से कोयले की चोरी हो रही है।इसके बाद सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह ने डीजीपी नीरज सिन्हा को रिपोर्ट भेज दी थी।
राज्य सरकार दोषी अधिकारी पर नहीं कर रही कार्रवाई
रामगढ़ जिला से कोयले का अवैध खनन और कारोबार कौन करवा रहा है। शायद अब किसी से छिपा नहीं है। राज्य की खुफिया विभाग से लेकर कई तंत्र ने रामगढ़ जिला से कोयले का अवैध खनन और कारोबार की जानकारी सरकार को उपलब्ध करा दी है।इसके बावजूद दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है। बल्कि अधिकारी को बचाने की साजिश चल रही है। चर्चा है कि उक्त अधिकारी बड़ी राशि खर्च कर इस पूरे प्रकरण से बाहर आने के लिए हाथ पैर मार रहा है। वह रामगढ़ जिला से जल्द से जल्द भागना चाह रहा है। जल्द अपनी पोस्टिंग कराने के लिए राजधानी के वजूद वाले लोगों से संपर्क साध रहा है। वही चर्चा है कि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर अवैध कोयला कराने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने जा रही है। उनका अच्छे जिलों में तबादला किया जा सकता है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है।
रामगढ़ जिला से बड़े पैमाने पर हुआ है कोयले का अवैध खनन और कारोबार
झारखंड प्रदेश का रामगढ़ जिला पूरे देश में कोयला के अवैध खनन और कारोबार के लिए चर्चा में आया हुआ है। पिछले 2 से 3 वर्षों के बीच जिला के लगभग थाना क्षेत्र से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध खनन और कारोबार हुआ है। जिला से कोयले का अवैध खनन कर बिहार और उत्तर प्रदेश के मंडियों में भेजा गया है।वहीं जिला के छोटे से बड़े फैक्ट्रियों में अवैध कोयला का धड़ल्ले से उपयोग हुआ है। जिला के लगभग डेढ़ सौ ईट भट्टों में अवैध कोयला का उपयोग किया जा रहा है। जिला में अक्टूबर से लेकर अप्रैल महीने तक बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार चला है। रोजाना 400 से 500 ट्रक और हाईवा कोयले का अवैध कारोबार किए जाने की चर्चा है। जिला से रोजाना करोड़ों रुपए के कोयला का अवैध कारोबार हुआ है। जिला से कितने बड़े पैमाने पर कोयला का अवैध खनन और कारोबार हुआ है। यह अब बात खुलकर सामने आने लगी है। कोयला का अवैध खनन और कारोबार के अलावा जिला के भुरकुंडा और पतरातू रेलवे साइडिंग से कोयला में चारकोल मिलाकर रेलवे वैगन द्वारा पावर हाउस भेजने का कार्य भी जोरों पर चला है। जिससे कि राज्य और केंद्र सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।