भोग विलास की सारी सुविधा शुरू तो पूजा पर शर्त क्यों
भारत के सभी राज्यों में सभी चीजों से प्रतिबंध हटा तो रांची में रथ यात्रा पर ऐसा फैसला क्यों
रांची। श्री महावीर मंडल डोरण्डा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार ने प्रशासन द्वारा निर्देशित शर्त पर झारखंड के ऐतिहासिक रथयात्रा मनाने का निर्देश पर विरोध जताते हुए का पूरे भारतवर्ष में सभी चीजों से पूर्ण रुप से प्रतिबंध हटा लिया गया है। फिर रांची के ऐतिहासिक रथयात्रा पर इतनी पाबंदी क्यों पूरे राज्य में भोग विलास की सारी सुविधाएं शुरु हो गई है। रोज क्लब में बार में सड़कों पर शराब पी रहे हैं।मनोरंजन के सारे संसाधन सुरु हो चुके हैं। फिर रथ यात्रा पर मेला ना लगाना और रथ यात्रा में सीमित लोगों को ही शामिल होने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं सरासर गलत है। अभी हाल के दिनों में ही सारे पर्व मनाए गए हैं। आज ऐसा क्या हो गया कि रथ यात्रा में मेले का आयोजन नहीं होने का निर्णय लिया गया। जगन्नाथपुर की रथ यात्रा पूरी के बाद सबसे बडी रथ यात्रा का आयोजन रांची में होता है। जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। हजारों की संख्या में लोग बाहर से एवं स्थानीय लोग अपनी दुकानें लगाते है। विगत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा स्थगित थी। इस वर्ष लोगों में काफी उत्साह था। मेला लगाने बाले झूले वाले की 2 वर्षों मैं उनकी स्थिति बहुत खराब हो गई थी। रथ यात्रा से उन्हें कुछ उम्मीद जगी थी कि अचानक मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।रथ मेला की खास विशेषता यहां है कि छोटा नागपुर के नवविवाहित जोड़े जो शादी में मौर चढ़ाते हैं।उसे उस दिन यह मंदिर में अर्पित करना पड़ता है जो बहुत पुरानी परंपरा रही है। ऐसे में आयोजन नहीं होना बहुत ही दुखद है। प्रशासन को इस पर गंभीरता पूर्वक सोच विचार कर यहां के लोगों के आस्था को ध्यान में रखते हुए रथ मेले का आयोजन पूर्ण रुप से होने देने की अनुमति देनी चाहिए।