हजारीबाग। कोयला उत्खनन से संबंधित परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान, विस्थापन आदि विषय पर उपायुक्त नैंसी सहाय की अध्यक्षता में कोल कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई ।बैठक में परियोजना के प्रारंभ करने एवं कोयला उत्खनन, उत्पादन बढ़ाने में आ रही समस्याओं पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा विस्थापन प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों को नियमानुसार मुआवजा, नौकरी व विस्थापित कैंपों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में कोयला उत्खनन कंपनियां तत्परता बरतें। साथ ही विस्थापन की प्रक्रिया पारदर्शी हो यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा उत्खनन कंपनियां आवंटित ब्लॉक की क्षमता के अनुरूप उत्पादन करें, इसके लिए जिला प्रशासन विधि व्यवस्था में कंपनियों को अपेक्षित सहयोग करेगा।
चुरचू प्रखंड अंतर्गत कन्वेयर कॉरिडोर प्रोजेक्ट में कुछ परिवारों के विस्थापन में आ रही अड़चनों को दूर करने एवं खनन प्रभावित क्षेत्रों के विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्र को उचित जगह पर सर्वेक्षण के आधार पर उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए नए भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। इसके अलावा उपरी डाडी उत्खनन प्रोजेक्ट के प्रभावितों के विस्थापन सहित उत्पादन क्षमता के अनुरूप उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित व ठोस रणनीति तैयार कर निर्धारित समय सीमा निर्धारित कर योजनाबद्ध तरीके से मामलों को सुलझाने, मुआवजा भुगतान आदि करने का निर्देश दिया।उन्होंने कंपनियों को निर्देशित किया कि अपने कार्य करने का तरीका में बदलाव लाएं, बिना वजह मामले को अधर में न रखें।
कोयला उत्खनन कंपनियों के भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान, नए कॉलोनी में विस्थापन सहित उक्त स्थल पर नागरिक सुविधाओं को देने वाली अलग-अलग टीमों को आपसी समन्वय बनाकर तीव्र गति से प्रोजेक्ट प्रारंभ करने का निर्देश उपायुक्त के द्वारा दिया गया।
विस्थापितों को स्थानीय प्रोजेक्ट में रोजगार-नियोजन को प्राथमिकता देने में कंपनियों को किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने का निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा स्थानीय विस्थापितों को उनकी योग्यता के आधार पर नियोजित करें। बैठक में उपायुक्त के साथ सदर अनुमंडल पदाधिकारी विद्या भूषण कुमार, अपर समाहर्ता राकेश रोशन, भूमि सुधार उप समाहर्ता विनोद कुमार सहित एनटीपीसी व अन्य कोयला उत्खनन कंपनियों के अधिकारी बैठक में मौजूद थे।