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मूलवासी सदान मोर्चा की बैठक में शिक्षाविद् और झारखण्ड आंदोलनकारी झारखण्ड मेें होती लूट पर विफरे

बोले, एक उलगुलान और करने की है जरूरत

राज्य को लुटने से बचाए मुख्यमंत्री, भ्रष्ट अधिकारियों पर करें कड़ी करवाई : राजेंद्र प्रसाद

रांची। झारखंड अलग राज्य का गठन का मूल उद्देश्य था कि झारखण्ड की भाषा संस्कृति को बचाने के साथ-साथ मूलवासी सदानों और जनजातियों को शोषण से मुक्ति दिलाते हुए इन दोनों समुदायों का आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक विकास करना था। लेकिन राज्य बनने के बाद भी खासकर मूलवासी सदानों को दरकिनार कर दिया गया। प्रसाद ने कहा कि झारखण्ड राज्य बनने के बाद बाहरी शक्तियां अधिकारियों से मिलकर झारखंड को लुट -खसोट करने का जाल बिछाया और वे अपने मकसद में कामयाब हो गए। इससे पूरे देश में झारखंड और झारखण्डियों को शर्मसार होना पड़ रहा है । उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने आज होटल सिटी पैलेस में मूलवासी सदानों के शिक्षाविद्, व झारखण्ड आंदोलनकारी, और प्रबुद्ध लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब हम संयुक्त बिहार में थे, तब भी हम झारखंडण्डियों की भाषा संस्कृति रहन-सहन बिल्कुल अलग था और है। उन्होंने कहा कि हम झारखण्डी अगड़ी ,पिछड़ी, दलित आदिवासी हिंदू मुस्लिम के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। इस अच्छाई को पूरे देश के बीच में रखा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रसाद ने कहा हम झारखंडी लोग ईमानदार और सीधे-साधे होते हैं।
आज झारखंड भ्रस्टाचार का अड्डा बन गया है।जबसे झारखंड राज्य का निर्माण हुआ है तब से लगातार इस राज्य को बाहरी लोगों के द्वारा लूटने का चारागाह बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंडवासियों के लंबे संघर्ष बलिदान और त्याग के फलस्वरूप झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। जब झारखण्ड बना तो यहां के लोगो की उम्मीद जगी की उनका अपना राज्य मिल गया । वे अपने हक अधिकार के लिए अपने ढंग से नीति निर्माण कर अपने लिए आधारभूत विकास की योजना तैयार कर सकते हैं।लेकिन पूर्व में राज्य निर्माण के समय जिस बाहरी शक्तियों का कब्जा था झारखंड बनने के बाद भी उन लोगो ने सत्ता के गलियारी में सुनियोजित तरीके से कब्जा कर अपनी पैठ बना कर इस राज्य की खनिज संपदा को लूट खसोट कर अपनी जेब भरने में लगे हुए है। अधिकारी झारखण्ड से लुट खसोट कर देश के अलग अलग हिस्सों में पूंजी निवेश कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा की राज्य के शीर्ष पद पर बैठे अफसर सत्ता से सांठगांठ कर राज्य में बने विकास की योजना को भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ा देते है। राज्य के बाहर से आये हुए साधारण व्यक्ति भी सत्ता और इन अधिकारियों में पहुंच बना कर कुछ ही समय मे मालामाल हो रहे है जबकि यहां के लोग रोजी रोटी की तलाश में दूसरे राज्य में दिहाड़ी मजदूर के रूप में पलायन को मजबूर है। आईएएस अधिकारी और सत्ता के बीच गठजोड़ है जो इस राज्य का आर्थिक दोहन करने में लगे हुए हैं। श्री प्रसाद ने भ्रष्ट अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि झारखंड की धरती में ईश्वरी शक्ति है जिन्होंने भी झारखंड के साथ गलत किया है उसे ईश्वर और कानून दोनों ने सजा दी है। भ्रष्टाचारियों को चेतावनी देते
हुए प्रसाद ने कहा भ्रष्ट अधिकारी चेतें अन्यथा उनकी जगह जेल में होगी ।प्रसाद ने कहा कि हम सभी अधिकारियों को भ्रष्ट नहीं कह रहे हैं ।कुछ अच्छे और ईमानदार अधिकारी भी हैं । प्रसाद ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा जो भी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वैसे अधिकारियों को निलंबित नहीं बर्खास्त करवाएं। प्रसाद नहीं यह भी जानकारी दी कि आज की बैठक में यह भी निर्णय हुआ है कि राज्य को किस तरह से लूटा जा रहा है इसकी जानकारी आम जनता को मोर्चा की ओर से अक्टूबर महीना से पूरे राज्य में घूम कर जानकारी दी जाएगी । श्री प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया स्मार्ट सिटी में फ्लैट और जमीन की आवंटन दलालों के माध्यम से जमीन की लूट का प्लान बनाया गया है। उन्होंने सरकार मांग करते हुए कि स्मार्ट सिटी की जमीन और फ्लैट विस्थापितों झारखंड आंदोलनकारियों, शहीदों, मूलवासी सदानों और जनजातियों को ही शत् प्रतिशत देने की मांग सरकार से की है। प्रसाद ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजनीति पार्टी भी झारखंडियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। झारखंड में बाहर के लोगों को टिकट देकर झारखंड का सांसद, और विधायक बनाते हैं जिन्हें झारखंड से कोई लेना देना नहीं है । पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि मूलवासी सदान एक बड़ी ताकत है लेकिन हम विभिन्न राजनीतिक दलों में बंटे हुए हैं, उन्होंने कहा कि सदानों के हितों के लिए पार्टी की बात छोड़ माटी मूलवासी सदानों के हित में एक साथ खड़ा होने का आह्वान मूलवासी सदानों के विधायक, सांसद ,और नेताओं से किया। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद भ्रष्टाचार झारखंड में चरम पर पहुंच गया है। श्री चौधरी ने कहा यदि ईमानदारी से निष्पक्ष जांच हो जाए तो 80% नेता और अधिकारी गण भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे। उन्होंने कहा अभी राज्यपाल के द्वारा कुछ अधिकारियों की सूची भेजी गई है उस पर कार्रवाई शुरू नहीं हुई है उनकी जांच अविलंब शुरू कराने की मांग सरकार से उन्होंने की है।
पद्मश्री मुकुल नायक ने कहा कि झारखण्ड अलग राज्य का जो विषय था झारखंड की संस्कृति एवं परंपराओं को बचा के रखना परंतु झारखंड खतरे में है और भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है। उन्होंने गीत के रूप में कहा सोचो नी ए भैया,ध्यान से आईज झारखण्डे आवी कैसे आपन राईज।

झारखण्ड आंदोलनकारी क्षितीश कुमार राय ने कहा कि झारखण्ड में एक भी विधायक, सांसद मूलवासी सदानों के समर्थन के बिना चुनाव जीत नहीं सकते हैं । लेकिन इस के बाद भी सभी राजनीतिक दल मूलवासी सदानों की उपेक्षा पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मांडर उपचुनाव में वैसे उम्मीदवार को जिताएंगे ,जो सदानों की भी हितेषी हो। श्री राय ने यह भी कहा झारखंड से भ्रष्टाचार को मिटाना है तो मूलवासी सदान मोर्चा को राजनीति पार्टी बनाकर लोगों को विधानसभा और लोकसभा में पहुंचना पड़ेगा। बैठक को राजकुमार साहू,डॉ राम प्रसाद डॉ अनिल मिश्रा, डॉ सुदेश कुमार साहू, डॉ उमेश नन्द, तिवारी, महेंद्र ठाकुर ,यू.सु. दास, रविन्द्र कुमार, विजय चौधरी, विशाल कुमार सिंह, विशाल कुमार, अशोक बंका, विजय राजगढ़िया, आदि ने भी अपने आपने विचार रखे।