- टोरी में रेल चक्का जाम
- 70 से अधिक मालगाड़ियां फंसी
- राजधानी का रूट बदला
लातेहार : झारखंड के लातेहार जिला के चंदवा प्रखंड के टोरी जंक्शन पर महात्मा गांधी के अनुयायी आदिवासी ‘टाना भगत’ ने भूमि कानूनों में अपने हितों के अनुसार बदलाव की मांग के साथ मणिपुर और नगालैंड की तर्ज पर झारखंड में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर रेल मार्ग जाम कर दिया है. इसकी वजह से 70 मालगाड़ियों का परिचालन बाधित हो गया है. राजधानी के रूट में परिवर्तन करना पड़ा.
रेलवे अधिकारी का कहना है कि इस कारण गुरुवार सुबह से ही जहां रांची जा रही राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर रुकी हुई है, वहीं नयी दिल्ली से रांची और हावड़ा के रेल मार्ग पर चलने वाली 70 से अधिक मालगाड़ियां भी बुधवार शाम से बाधित हो गयी हैं. इनमें दिल्ली समेत देश के अनेक हिस्सों में बिजली संयंत्रों के लिए जाने वाले कोयले के रेक्स भी शामिल हैं.
धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्थित मंडल यातायात प्रबंधक मनीष सौरभ ने बताया कि झारखंड के गुमला और आसपास के जिलों के रहने वाले आदिवासी टाना भगतों ने भूमि कानून छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन और वनों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर बुधवार शाम से टोरी जंक्शन पर धरना प्रारंभ कर दिया.
यात्रियों को सड़क मार्ग से उनके गंतव्य भेजा गया
सौरभ ने बताया कि टाना भगतों के धरना के चलते बुधवार की शाम से 70 से अधिक मालगाड़ियां जहां-तहां रुकी हैं. इन मालगाड़ियों में दिल्ली, पंजाब समेत देश के विभिन्न हिस्सों में विद्युत उत्पादक संयंत्रों के लिए आवश्यक सामान के साथ कम से कम तीन दर्जन रेक कोयले भी भेजे जा रहे थे.
उन्होंने बताया कि इस तरह के धरने से जहां कोयले के यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ा है, वहीं रेलवे को भारी आर्थिक क्षति भी हुई है. इस बीच, झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि लातेहार में रेलवे ट्रैक पर टाना भगतों के धरने के बाद लातेहार के उपायुक्त जीशान कमर को उनसे बातचीत के लिए मौके पर भेजा गया है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्दी ही मामला सुलझा लिया जायेगा.
सुखदेव भगत ने कहा कि रेलवे के शीर्ष अधिकारी उनके संपर्क में हैं और मामले के हल के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. वहीं, लातेहार के उपायुक्त जीशान कमर ने बताया कि वह अपने अधिकारियों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं और मामले को जल्द ही हल कर लिया जायेगा.