मेदिनीनगर: ढाई अक्षर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा के समापन पर पलामू गुप्ता के द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन समाज कल्याण विकास मंच के सभागार में प्रेम की परंपरा और हमारा देश विषय पर किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष केडी सिंह,वरिष्ठ रंगकर्मी एवं अधिवक्ता नंदलाल सिंह, मिशन समृद्धि के अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव नए विचार गोष्ठी का उद्घाटन किया।विचार गोष्ठी की अध्यक्षता केडी सिंह ने किया। और विषय प्रवेश इप्टा के रंगकर्मी प्रेम प्रकाश ने कराया। उन्होंने कहा कि ढाई अक्षर प्रेम के सांस्कृतिक यात्रा 22 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के रायपुर से प्रारंभ की गई थी। जो झारखंड ,बिहार,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश होते हुए 22 मई को इंदौर में समापन किया गया।
विषय प्रवेश के बाद शायर एवं गायक अशफाक अहमद ने जीवन के लिए प्रेम को सृजन का आधार बताया।विचार गोष्टि में वक्ताओं ने अपने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि गोष्ठी के आधार पत्र को मजबूती प्रदान करता है।महात्मा बुद्ध को मानव मुक्ति का मार्ग बताते हुए संघम शरणम गच्छामि का उद्घोष किया।जहां मानव मानव के बीच न ही जाति का भेद था और ना ही किसी धर्म का। प्रेम ब्राह्मणवाद पर चोट करते हुए सुंदर दुनिया के निर्माण का आग्रह करता है। प्रेम को सूत्र बनाकर आजादी के बाद भारत का संविधान की रचना की गई। जो व्यापक समझौते का एक दस्तावेज बन गया। प्रेम की परंपरा का हमारे देश में एक समृद्ध इतिहास रहा है। प्रेम जीवन का ऐसा तत्व है जो उम्मीद जगाता है। और कबीर बनकर पाखंड पर प्रहार भी करता है। उसी प्रेम के आधार पर संविधान की रचना की गई। आज बाजार, पूंजी और पूंजीवाद एवं चंद कारपोरेट घराने प्रेम को नेस्तनाबूद कर रहे हैं। सांप्रदायिकता धर्म और संस्कृति को अपना हथियार बनाकर धर्म व शिक्षा को तहस-नहस कर रहा है। ऐसी स्थिति में एकमात्र रास्ता ढाई आखर प्रेम का है। वक्ताओं में केडी सिंह, नंदलाल सिंह, सुरेश सिंह, शीला श्रीवास्तव, शालिनी श्रीवास्तव, पंकज श्रीवास्तव, प्रसिद्ध राम, गणेश रवि, कौशिक मलिक, अशोक कुमार, पंकज लोचन, शिव शंकर प्रसाद, वंदना श्रीवास्तव, निषाद खान एवं घनश्याम कुमार आदि शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत इप्टा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गीत ढाई आखर प्रेम का पढ़ने और पढ़ाने आए हैं।हम भारत से नफरत का हर दाग मिटाने आए हैं से हुई।
मौके पर प्रेम पर आधारित कबीर, रहीम, नानक, कैफ़ी आज़मी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, बशीर बद्र की रचनाओं पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। चित्र प्रदर्शनी के लिए अंशु आर्ट के प्रशिक्षक आशा शर्मा के निर्देशन में चित्र बनाए गए थे। मौके पर रविशंकर, शशि पांडे, राजीव रंजन, समरेश सिंह, संजू कुमार संजू, भोला, विनय सिंह गुड्डन, शिशुपाल सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।