रांची। झारखंड में सत्ता और विपक्ष की लड़ाई अब सड़कों पर आते दिखने लगी है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और रघुवर दास के बीच जारी राजनीति की जंग अब द्वेष में बदलता दिखने लगा है। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आप पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को औकात बताने में सक्रिय होते दिखने लगे हैं।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में निर्मित विधानसभा भवन निर्माण एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की जांच न्यायिक कमीशन से कराने का आदेश दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री सचिवालय ने आदेश जारी कर दिया है।बता दें कि एचइसी इलाके के कुटे में झारखंड विधानसभा के नये भवन के निर्माण में भी इंजीनियरों ने संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाया था।खबर है कि विधानसभा के इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बता कर भवन निर्माण के इंजीनियरों ने पहले 465 करोड़ के मूल प्राक्कलन को घटा कर 420.19 करोड़ कर दिया। 12 दिन बाद ही बिल ऑफ क्वांटिटी (बीओक्यू) में निर्माण लागत 420.19 करोड़ से घटा कर 323.03 करोड़ कर दिया. टेंडर निपटारे के बाद 10 प्रतिशत कम यानी 290.72 करोड़ रुपये की लागत पर रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को काम दे दिया गया। फिर ठेकेदार के कहने पर वास्तु दोष के नाम पर साइट प्लान का डिजाइन बदला गया।
मालूम हो कि दोनों भवनों के निर्माण का जिम्मा एक ही संवेदक को दिया गया था। ये सारे निर्माण कार्य मेसर्स रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया गया था।झारखंड उच्च न्यायालय भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी।दायर याचिका में कहा गया है कि ये गड़बड़ी अधिकारी और संवेदक की मिलीभगत से की गयी है।