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नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज रद्द करने की उठी मांग

रामगढ़ में आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने निकाला विरोध मार्च
रामगढ़ : आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने बुधवार को रामगढ़ शहर में विरोध मार्च निकालकर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज रद्द करने की मांग की। इस दौरान मेन रोड पर मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने झंडा-बैनर के साथ मार्च निकाला। मार्च सुभाष चौक पहुंचकर आम सभा में तब्दील हो गई। जहां राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि, एकीकृत बिहार के समय में 1954 में मैनूवर्स फील्ड फायरिंग आर्टिलरी प्रैटिक्स एक्ट, 1938 की धारा 9 के तहत नेतरहाट पठार के सात राजस्व गांवों में तोप से गोले दागने का अभ्यास के लिए अधिसूचित किया गया था। आगे 1991-1992 की अधिसूचना के समाप्त होने के पूर्व ही तत्कालीन बिहार सरकार ने 1999 में अधिसूचना जारी कर 1991-92 की अधिसूचना अवधि का विस्तार कर दिया था, जिसके आधार पर यह क्षेत्र 11 मई 2022 तक प्रभावित हैं। नेतरहाट फील्ड फायरिग रेंज को रद्द करने की अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है. यह क्षेत्र भारतीय संविधान के पांचवीं अनुसूची अंतर्गत आता है और यहां पेसा एक्ट 1996 भी लागू है, जिस कारण ग्राम सभाओं को अपने क्षेत्र का सामुदायिक संसाधन जल, जंगल, जमीन, नदी-नाले और अपने विकास के बारे में हर तरह के निर्णय लेने का अधिकार है।  प्रभावित क्षेत्र की ग्रामसभा ने ग्रामसभा कर अपनी जमीन नहीं देने का जो निर्णय लिया है। आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने ग्रामीणों आदिवासियों की निर्णय को समर्थन करते हुए सरकार से मांग की गई कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को अविलंब रद्द किया जाए अन्यथा संघर्ष जारी है जारी रहेगा।

मार्च में नरेश बड़ाईक, लक्ष्मण बेदिया सरयू बेदिया, करमा मांझी, रामसिंह मांझी, भुनेश्वर बेदिया, बृजनारायण मुंडा, तृतियाल बेदिया,देवकी बेदिया, प्रकाश बेदिया, फूलचंद करमाली, सुरेश बेदिया,.चंद्रीका राम, प्रकाश मरांडी सहित कई शामिल रहे। 

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