Breaking News

रामगढ़: कस्तूरबा इंटर महिला कॉलेज के व्याख्याताओं और कर्मचारियों को 14 महीनों से नहीं मिल रहा भुगतान

झारखंड के निजी इंटर कॉलेजों के प्रबंधन की मनमानी सामने आ रही

कॉलेज के सचिव दे चुके हैं इस्तीफा

कॉलेज के व्याख्याताओं ने अध्यक्ष को लिखा पत्र

रांची। झारखंड के रामगढ़ जिला में कई निजी इंटर कॉलेजों के प्रबंधन की मनमानी से वहां काम करने वाले कर्मचारी और व्याख्याताओं की हालत खराब हो गई है। सबसे बदतर स्थिति कस्तूरबा इंटर महिला कॉलेज के कर्मचारियों और व्याख्याताओं की देखने को मिल रही है। कॉलेज के व्याख्याताओं और कर्मचारियों ने अध्यक्ष और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि कॉलेज के सचिव पूर्व विधायक शंकर चौधरी इस्तीफा दे चुके हैं। उन्हें पिछले 14 महीनों से भुगतान नहीं मिल रहा है। ऐसा नहीं कि महाविद्यालय के बैंक अकाउंट में राशि नहीं है। इसके बावजूद भुगतान नहीं किया जाना समझ से परे है। झारखंड सरकार से कॉलेज को अनुदान भी मिल चुका है। अनुदान मिले भी 2 महीने हो चुका है। इसके बावजूद उनके बीच अनुदान की राशि वितरित नहीं की जा रही है। पत्र में लिखा गया है कि 22 मई को कॉलेज के व्याख्याता और कर्मचारी कॉलेज के सचिव के घर गए थे। सचिव ने कॉलेज के कर्मचारियों और व्याख्याताओं को कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा जैक और बैंक को भेज दिया है। अब तुम लोग अपना नया सचिव चुन लो। पत्र में अध्यक्ष से विनती की गई है कि उनकी माली हालत काफी खराब हो गई है जल्द से जल्द उनका भुगतान और अनुदान की राशि दिलाने की व्यवस्था की जाए। अध्यक्ष से आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द शासी निकाय की बैठक कर नया सचिव चुना जाए। ताकि हमारा भुगतान हो सके और महाविद्यालय सुचारू रूप से चल सके।

पत्र की प्रतिलिपि कॉलेज के शासी निकाय सदस्य देवनाथ सिंह और शारदा प्रसाद को भी भेजा गया है। पत्र में कॉलेज के व्याख्याता मधु सिंह, सुधीर कुमार, रवीश कुमार का हस्ताक्षर है। ज्ञातव्य हो कि कॉलेज की अध्यक्ष विधायक ममता देवी और सचिव पूर्व विधायक शंकर चौधरी कॉलेज पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कॉलेज के सचिव के इस्तीफे की बात सामने आ गई है। जिसके कारण कॉलेज के पदाधिकारी मनमानी ढंग से कार्य कर रहे हैं। कॉलेज लावारिस स्थिति में नजर आ रही है। कॉलेज के कर्मचारियों और व्याख्याताओं का कहना है कि अब अगर प्रबंधन नहीं हम लोगों की समस्याओं को सुलझाया तो हम लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे।