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भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा नोटिस

मुख्यमंत्री से पूछा क्यों नहीं खदान का पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो ? 

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने नोटिस भेजा है। खनन पट्टा मामले में सीएम हेमंत सोरेन घिरते नजर आ रहे हैं। भारत के चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक नोटिस भेजकर यह बताने को कहा है कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा है कि यह प्रथम दृष्टया जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करता है, जो सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता से संबंधित है। हेमंत सोरेन जो खनन विभाग के मंत्री भी हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोरेन ने खनन विभाग का नेतृत्व करते हुए, 2021 में लाभ के पद के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए खुद को एक पत्थर के चिप्स खनन पट्टा आवंटित किया। भाजपा ने राज्यपाल को एक अभ्यावेदन दिया।जिन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत चुनाव आयोग को भेज दिया।
अनुच्छेद 192 राज्यपाल को मतदान पैनल की राय पर राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य को अयोग्य घोषित करने का निर्णय लेने का अधिकार देता है। चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को दिए गए खनन पट्टे से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। झारखंड उच्च न्यायालय ने भी मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर किए जाने के बाद नोटिस जारी किया था। इस नोटिस की कॉपी राजभवन और भाजपा को भी भेजी गई है।