दुनिया के मजदूरों एक हो
रामगढ़ : भाकपा माले और एआईसीसीटीयू (ऐक्टू) रामगढ़ जिला इकाई के नेतृत्व में एक मई 2022 को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर कई स्थानों पर कार्यक्रम किया। हेसला में सरयू बेदिया,केदला में जगदेव रजवार, आरा में जगरनाथ उरांव, महादेव मांझी,करमा मांझी, रामसिंह मांझी, सांकी में नरेश बड़ाइक,कडरु में-संजय बेदिया,सोहन बेदिया, जिला पार्षद उम्मीदवार सरजू मुंडा,सोसो में-बिगेंद्र ठाकुर,उरबा में-कार्तिक मांझी,तोपा में-जयवीर हंसदा भाकपा-माले के रामगढ़ जिला सचिव- भुनेश्वर बेदिया अन्य के नेतृत्व में दर्जनों जगहों में मजदूर दिवस मनाया।नेताओं ने कहा कि एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर महज औपचारिक रूप से मजदूर दिवस मनाने की परंपरा नहीं हो बल्कि वर्तमान दौर में मजदूरों की बदतर स्थिति पर चर्चा एवं मजदूरों की सुविधाएं एवं अधिकारों की हासिल करते हुए समानतावादी व्यवस्था का निर्माण करने की राजनीतिक लड़ाई को तेज करने की जरूरत है। सरकार काम के अवसर को सीमित कर दे रही है।
सार्वजनिक औधोगिक संस्थाओं को बिमार घोषित कर बंद कर दे रही है और कोल,रेल,सेल,बैंक अन्य पुरी तरह से प्रायवेटीकरण किया जा रहा है। देश को कंपनियों के हाथों पुनः बिक्री किया जा रहा है। मजदूरों को छटनी के साथ मजदूरों के अधिकारों को कटौती किया जा रहा है। मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को खत्म कर 4 कोड में तब्दील कर दी गई है। सबसे ज्यादा देश के अंदर ग्रामीण मजदूरों के लिए बना मनरेगा कानून कागजी बनकर रह गया है। ग्रामीण मजदूरों को साल में 90 दिनों काम देने के अधिकार। काम के बदले पुरी उचित मजदूरी भुगतान करने और काम नहीं तो भत्ता देने के अधिकार को सरकार ने कानून बनने से लेकर आजतक लागू नहीं की है।
कामगर महिलाओं में श्रमिक, सहिया, सेविका,माता समिति,सखी मंडल आदि संस्थाओं में कार्यरत महिला मजदूरों की मजदूरी एवं स्थायीत्व रोजगार की गारंटी करने से कोसों दूर है।
भाजपा सरकार मजदूरों को साम्प्रदायिकता में बांट कर मजदूरों के रोजगार व अधिकार को खत्म कर रही है। रामराज के नाम पर मजदूरों-गरीबों को गुलाम बनाने की साजिश की जा रही है।1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर लाल झंडे के तले संकल्प लेने की जरूरत है।मजदूरों के ऊपर बढ़ते गुलामी की कसता शिकंजा को तोड़ डालने की संघर्ष को तेज करें।
भाजपा के शासन में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। रोजगार के अवसर खत्म किए जा रहे हैं लोगों की भविष्य जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। फिर देश को नये सिरे से गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।आज जरूरत है लाल झंडे के लोगों के नेतृत्व में ही मजदूरों की लड़ाई लडी जा सकती है।