झारखंड कांग्रेस के दो दिग्गजों के बीच चल रहा शीतयुद्ध
सुखदेव भगत ने डॉ रामेश्वर उरांव के खिलाफ हाईकोर्ट में कर रखा है केस
रांची। झारखंड कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पार्टी के भीतर गुटबाजी अब चरम पर पहुंचता दिखने लगा है। खासकर कांग्रेस में गुटबाजी तब दिखने लगी है। जब कांग्रेस के कई दिग्गज नेता है की घर वापसी हुई है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमूचू और सुखदेव भगत पुनः कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत और वर्तमान में राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव आमने-सामने हो गए दिखते हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ रामेश्वर उरांव के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी के रूप में सुखदेव भगत ने चुनाव लड़ा। चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा प्रत्याशी सुखदेव भगत ने हाईकोर्ट में एक चुनाव याचिका दायर कर यह आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रत्याशी रामेश्वर उरांव ने नामांकन के वक्त कई तथ्यों को छिपाने का काम किया था।
हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई जारी है। लेकिन राजनीतिक परिदृश्य बदल चुका है। भाजपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव के खिलाफ याचिका दायर करने वाले सुखदेव भगत अब एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके है।लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के विरूद्ध दायर याचिका को वापस लेने की जरुरत नहीं समझी। अब भी हाईकोर्ट में इस मामले में विभिन्न तिथियों पर सुनवाई चल रही है।
अब कांग्रेस पार्टी के नेता ही सुखदेव भगत द्वारा दायर चुनावी याचिका पर सवाल उठाने लगे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि यदि कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव के खिलाफ हाईकोर्ट का फैसला आता है।अगर सुखदेव भगत की जीत हो भी जाती है, तो इसे भाजपा उम्मीदवार की जीत मानी जाएगी,क्योंकि जिस वक्त सुखदेव भगत ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में ही रामेश्वर उरांव के खिलाफ याचिका की थी।ऐसे में क्या सुखदेव भगत भाजपा के विधायक पद से इस्तीफा देंगे,शायद नहीं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस में शामिल होने वाले सुखदेव भगत को क्या भाजपा विधायक के रूप में निर्वाचित होने पर गर्व महसूस होगी। सुखदेव भगत के इस रवैये पर पार्टी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। इन नेताओं ने पार्टी प्लेटफार्म पर यह बात उठाने का निर्णय लिया है कि कांग्रेस नेतृत्व सुखदेव भगत के असली चेहरे को पहचाने,क्योंकि यह सर्वविदित है कि सुखदेव भगत अगर विजयी होते हैं तो वे किसी भी कीमत पर भाजपा में ही रहेंगे।अगर सही मायने में देखा जाए तो उनके ही शब्दों में कांग्रेस में होना और कांग्रेसी होना को चरितार्थ करना चाहते हैं तो क्या पार्टी विधायक रामेश्वर उरांव के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को वापस लेंगे यह एक यक्ष्य प्रश्न है।