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झारखंड सरकार में शामिल दल रघुवर दास के हमलोंं से हो गए हैं हलकान

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार हेमंत सरकार पर कर रहे हैं हमला

सरकार में शामिल राजनीतिक दल उनके आरोपों को नहीं तोड़ पा रहे

रघुवर के आरोप से सरकार हो गई है असहज

रांचीझारखंड में पिछले लगभग 27 महीने से हेमंत सरकार चल रही है। इस बीच राज्य की विपक्षी दल भाजपा सरकार पर हमलावर होते दिख रही है। लेकिन पिछले महीने जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसके बाद राजभवन जाकर राज्यपाल को हेमंत सोरेन के खिलाफ ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग किया। खदान लीज मामला आज हेमंत सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मांग पर राज्य के राज्यपाल रमेश बैस ने निर्वाचन विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगा है। वही निर्वाचन विभाग ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगा है। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल भी दर्ज हो चुकी है। झारखंड हाई कोर्ट भी इस मामले में कदम उठा चुकी है। अभी इस मामले की जांच चल ही रही है। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फिर एक बार 25 अप्रैल को भाजपा प्रदेश कार्यालय में हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोला। रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के फिर एक बार आक्रमण पर सरकार में शामिल झामुमो और कांग्रेस असहज स्थिति में दिखने लगे हैं। आनन-फानन में झामुमो,कांग्रेस और राजद के नेता राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य सरकार को अस्थिर करने की बात कही है। वहीं राजनीतिक की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के लगातार पुख्ता आरोपों ने राज्य सरकार को असहज स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। अगर रघुवर दास के आरोप निराधार हैं तो रात सरकार और उसमें शामिल राजनीतिक दलों को इसका खंडन और विरोध करना चाहिए। भाजपा प्रदेश कार्यालय में 25 अप्रैल को रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि सप्ताह भर के भीतर अगर मुख्यमंत्री ने इन आरोपों का जवाब नहीं दिया तो फिर एक बार राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर जांच की मांग की जाएगी। राज्य के मुखिया पर लगातार लग रहे गंभीर आरोप सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। झामुमो और कांग्रेस नेताओं की बोलती लगभग बंद सी हो गई है। जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पूरी जानकारी और पुख्ता प्रमाण के साथ मुख्यमंत्री एवं उनके परिजनों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। जिसके कारण सरकार में शामिल राजनीतिक दल इस का खुला विरोध नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जितने गंभीर आरोप लगाए हैं। अगर आरोप सही निकले तो आने वाले दिनों में राज्य सरकार को काफी परेशानी होने वाली है।