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झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने की विचार-गोष्ठी

वैश्यों की उपेक्षा पर नाराजगी

आंदोलन तेज करने का सुझाव

रांचीआज रांची के सर्कुलर रोड़ स्थित होटल अप्सरा के सभागार में झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के तत्वावधान में दानवीर भामाशाह की जयंती के अवसर पर ‘झारखंड के वैश्य समाज-दिशा और दशा’ विषय पर एक ‘विचार-गोष्ठी’ का आयोजन किया गया।इस विषय पर वैश्य समाज के कई बुद्धिजीवियों द्वारा विचार व्यक्त किए। सभी ने वैश्य समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए व्यापक एकता और मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने का सुझाव दिया। इस अवसर पर चार प्रस्ताव भी पारित किये गये. इस विचार-गोष्ठी की अध्यक्षता वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने किया।
रांची के उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि समाज से बड़ा कोई नहीं है। वैश्य मोर्चा राज्य में वैश्यों को जगाने का काम किया है। आगे बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए सभी उप जातियों को एक होना जरूरी है।जो सरकार इतनी बड़ी आबादी को उपेक्षित कर रही है, वह लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रखती है। वैश्य समाज के लिए मेरा द्वार हमेशा खुला है।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता योगेन्द्र प्रसाद ने कहा कि संविधान में पिछड़ों को समुचित अधिकार मिला हुआ है। लेकिन सरकार हमारे अधिकार को छिन कर बैठी है।अगर लेना है तो संगठित और सचेत होना होगा।
डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि अब वैश्य समाज को अपने अधिकार को बचाने के लिए जोरदार आंदोलन करना होगा।यह काम वैश्य मोर्चा ही कर सकता है।
झारखंड आंदोलनकारी श्रीमती रेखा मंडल ने कहा कि झारखंड का वैश्य अब जाग चुका है।धोखा देने वालों को सबक सिखाने का वक़्त आ गया है. वैश्य मोर्चा को इस ओर ध्यान देना चाहिए।सेवानिवृत्त शिक्षक अनंतलाल विश्वकर्मा ने कहा कि उप जातियों के नाम पर हमें अपनी शक्ति को कमजोर नहीं करना चाहिए। हमारे विरोधी तो यही चाहते हैं।हमें सचेत रहने की जरूरत है।

ये प्रस्ताव पारित

झारखंड में वैश्यों के साथ सरकार द्वारा घोर अन्याय किया जा रहा है. लगातार हत्याएँ, लूट, शोषण-दमन बढ़ता जा रहा है। व्यवसायिक गतिविधियों में विभिन्न प्रकार के अड़चन पैदा किये जा रहे हैं।ऐसे में वैश्य वर्ग अपने आप को असुरक्षित एवं असहाय महसूस कर रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि 40% आबादी वाले वैश्य समाज के साथ दोयम दर्जे की नीति अपनाना बंद करें और बराबरी का अवसर प्रदान करे।
राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव-2022 में ओबीसी का आरक्षण समाप्त करके 40% आबादी वाले वैश्य समाज को गांव-पंचायतों में प्रतिनिधि नहीं बनने देने और विकास एवं रोजगार योजनाओं से दूर रखने की गहरी साजिश है। जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। समाज से अपील करते हैं कि सामान्य सीटों पर भी चुनाव लड़ने वाले अपने प्रत्याशियों को सहयोग करें और एकमत हो कर विजय बनायें।
वैश्य मोर्चा महसूस करती है कि विधायक सरयू राय जान बूझ कर वैश्य एवं पिछड़ों को निशाना बना रहे हैं। पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को, और अब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को निशाना बना कर वैश्यों को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं और जमशेदपुर के वैश्य-पिछड़ों से अपील करते हैं कि समय आने पर इन्हें सबक सिखाएँ।
गत दिनों कोडरमा के अर्जुन साव की पुलिस द्वारा तथा हरिहरगंज में पंकज शौण्डिक की अपराधियों द्वारा हत्या कर दी गई। इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। सरकार से मांग करते हैं कि हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिया जाये।
कार्यक्रम का संचालन उप प्रधान महासचिव इंदु भूषण गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अध्यक्ष हीरानाथ साहु ने किया। इस विचार गोष्ठी को सफल बनाने में वरीय उपाध्यक्ष मोहन साव, अश्विनी कुमार साहु, संजीव चौधरी, केंद्रीय सचिव शिवनंदन प्रसाद, बद्री भगत आदि का काफी योगदान रहा।
इस अवसर पर केंद्रीय उपाध्यक्ष अजित प्रजापति, लक्ष्मण साहु, केंद्रीय महासचिव अनंतलाल विश्वकर्मा, आदित्य नारायण प्रसाद, दिनेश्वर मंडल, अनिता केशरी, केंद्रीय सचिव गुड्डू साहा, संगठन सचिव अनिल वैश्य, जगदीश साहु, राजधाम साहु, केंद्रीय सदस्य महेश्वर प्रसाद, आनंद बिहारी साहु, जिला अध्यक्ष रोहित कुमार साहु, महिला मोर्चा की अध्यक्ष रेणू देवी, महासचिव पूनम जायसवाल, आशा देवी, रेणू देवी-2, युवा मोर्चा के अध्यक्ष हलधर साहु, मुकेशलाल सिंदूरिया, रघुवीर प्रसाद, राम नारायण प्रसाद मुख्य रूप से उपस्थित थे।