रामगढ़। सामाजिक,आर्थिक,जातीय जनगणना-2011 की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के करीब 1.33 करोड़ लोग रहते हैं।वर्तमान में झारखंड में पिछड़ो की आबादी 54%है । लेकिन इतने बड़े वर्ग को आरक्षण नहीं देना राज्य की एक बड़ी आबादी के साथ धोखा है।पिछड़ो के साथ यह सरकार अन्याय कर रही है।पिछड़ा वर्ग के राजनितिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखकर पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार ने 2019 में पिछड़ों का सर्वेक्षण शुरू करवाया था। लेकिन अफसोस की प्रदेश में हेमंत सरकार आते ही सुनियोजित तरीके से सर्वे बंद करा दिया। पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए ही राज्य में पंचायत चुनाव कराना पिछड़ों के अधिकारों का हनन है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उक्त बातें शनिवार को भाजपा रामगढ़ विधानसभा के युवा नेता राजीव जायसवाल ने प्रेस बयान जारी कर कहा है । पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए ही कुछ दिनों पूर्व झारखंड में पंचायत चुनाव की घोषणा हूई है। वहीं राजीव जायसवाल ने कहा कि हेमंत सरकार पिछड़ा विरोधी है। पूरे राज्य में पिछडों की बहुत बड़ी आबादी है। उनकी सामाजिक शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिछड़ा वर्ग के अत्यधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। सरकारी और अर्धसरकारी सेवाओं और पदों में प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है। पिछड़ा वर्ग सरकार की कार्यशैली से आहत है। राज्य में पिछड़ों के हक व अधिकार का दमन हेमंत सरकार जान बूझकर कर रही है।
हेमंत सरकार ने पंचायत चुनाव को दो साल तक टालने का काम किया और अब तकनीकी पेंच बताकर पिछड़ा वर्ग के लिए बिना आरक्षण तय किए चुनाव कराने जा रही है। आने वाले समय में पुरे राज्य के पिछड़ा वर्ग हेमंत सरकार को करारा जवाब देगी।पिछड़ा वर्ग सरकार से लोहा लेने को तैयार है।सरकार को इसकी बड़ी क़ीमत चुकाना पड़ेगा।