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रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान ले रही है गर्मी, अल्लाह को राजी करने में लगे हैं रोजेदार

बड़कागांव संवाददाता

चिलचिलाती धूप, भीषण गर्मी, के बावजूद रोजेदार अल्लाह को राजी करने के लिये रोजा रख रहे है। कहा गया है की, रमजान माह सबसे पवित्र व रहमत के साथ साथ नेमतों का महीना है। इस महीना में रहमतों वाली रात को शब्बे कदर कहते है। इस रात में अगर बंदा अल्लाह की इबादत दिल से करता है तो उसे सैकड़ों वर्षों की इबादत का सवाब अल्लाह देता है। इसके साथ ही इस माह में एक नेकी पर अल्लाह सत्तर नेकी देता है। इस माह में एतकाफ का बहुत ही महत्व है। एतकाफ करने वाला इंसान एकांत कमरे में बैठ कर अल्लाह की इबादत करता है। इस दौरान वह केवल अल्लाह की इबादत करता है। अल्लाह से पूरी कौम की सलामती की दुआ करता है। एतकाफ करने वाले के साथ पूरी बस्ती के लोगों का गुनाह माफ होता है। तरावीह का अलग है, मुकाम: प्रखंड के डाड़ी कला गांव में तरावीह पढ़ा रहे हाफिज अज़हर अल्ताफ कहते है रोजा के साथ पांच वक्त का नमाज और तरावीह पढ़नी चाहिए। एक रोजा किसी ने भी जानबूझ कर तोड़ा तो एक रोजा के बदले अगर लगातार दो माह तक भी रोजा रखेगा तब भी एक रोजा का सवाब पूरा नही होगा। प्रखंड के बादम, बड़कागांव, चौपदार बलिया, सिरमा ,डाड़ी कला, चेपा खुर्द आदि प्रखंड के सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है।