महामहीम राज्यपाल पहली बार पहुंचे पलामू के विश्रामपुर 

तेतरी चंद्रवंशी फार्मेसी कॉलेज,एवं लक्ष्मी चंद्रवंशी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर का किया उद्घाटन

रामचंद्र चन्द्रवंशी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में भाग लिया

मेदिनीनगर: माननीय राज्यपाल रमेश बैश चन्द्रवंशीविश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर बिश्रामपुर पहुँचे।जहा पर उनकी भब्य स्वागत किया गया।तथा गार्ड औफ ऑनर की सलामी दिया गया।

इस मौके पर महामहीम ने कहा कि आप सभी के बीच सम्मिलित होकर अपार हर्ष हो रहा है। इस अवसर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें देता हूँ। विशेषकर उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को। आपकी इस उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी शिक्षक और अभिभावक भी बधाई के पात्र हैं।
पलामू क्षेत्र वीरों की भूमि रही है। इस माटी में नीलांबर-पीताम्बर जैसे सपूत हुए।जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी वीरता से अंग्रेजों का कड़ा मुक़ाबला किया। तथा अन्य लोगों को भी आजादी की लड़ाई में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया।भारत माता के ऐसे वीर सपूतों को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूँ।और उनके प्रति अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ।दीक्षांत समारोह में उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थी के लिए विशेष तो होता ही है।लेकिन अन्य विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा का कार्य करता है।


मैं रामचन्द्र चंद्रवंशी को शिक्षा के क्षेत्र में कार्य आरंभ करने की सोच की सराहना करता हूँ। राज्य में स्थापित इस निजी विश्वविद्यालय से सबको अत्यंत अपेक्षाएं हैं। विश्वविद्यालयों में एक बेहतर आधारभूत संरचना का होना अति आवश्यक है। यू.जी.सी. की गाइडलाइन्स और मापदण्डों का पालन भी सुनिश्चित होना चाहिये। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रहित का सदा ध्यान रखें।यहाँ से पढ़े हुए विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें। और गर्व से कह सके कि जीवन में जो उन्होंने सफलता प्राप्त की है उसमें उनके विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है।हमेशा ध्यान रखें कि विद्यार्थी इस संस्थान की पूँजी हैं।और इसके ब्रांड एम्बेसडर हैं। आपके द्वारा किया गया अच्छा कार्य आपके विश्वविद्यालय को कहीं न कहीं प्रभावित करेगा।झारखंड में स्थापित निजी विश्वविद्यालय शिक्षा जगत में अपना उल्लेखनीय योगदान देकर अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों के लिए अनुकरणीय बनें।
पहले स्कूल और विश्वविद्यालय सरकार के अधीन होते थे।जब से सरकार ने शिक्षा को निजी क्षेत्र में आने की अनुमति दी है।उसके बाद से निजी क्षेत्र में अनेक विश्वविद्यालय प्रारंभ हुए। सरकारी तथा निजी क्षेत्र में विद्यालय और विश्वविद्यालय की वजह से उनमें आपस में प्रतिस्पर्धा होने के कारण छात्रों को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान को चयन करने का मौका मिलता है।और निजी संस्थान और भी अच्छा करने की सोचते हैं।और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।यह विश्वविद्यालय अपनी उत्कृष्ट शिक्षण शैली से इस क्षेत्र के अन्य शिक्षण संस्थानों को भी प्रेरित करें, तथा कभी पिछड़ा व उग्रवाद प्रभावित कहलाने वाला यह क्षेत्र ज्ञान का अहम केन्द्र बने। एजुकेशन हब बने जहाँ पूरे राज्य व देश के बच्चों के लिए ज्ञान हासिल करना गर्व की बात हो। इसके लिए संस्थान को कठिन परिश्रम करना होगा।उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान को समाज का विश्वास प्राप्त होना अति आवश्यक है। इसलिए संस्थान को जन-अपेक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में कार्य करना होगा।जिससे कि विद्यार्थी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करें।मैं चाहता हूँ कि इस राज्य के अधिक से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करें।जिसमें जाति,धर्म व लिंग कोई रुकावट न बने। खुशी होती है देखकर कि अब झारखंड की बेटियाँ न केवल उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रूचि रख रही हैं। बल्कि बहुत ही अच्छा कर रही हैं और अपनी प्रतिभा से हर क्षेत्र में नए-नए कृतिमान स्थापित कर रही हैं।भविष्य को दिशा देने का उत्तरदायित्व युवाओं पर ही हैं।और युवाओं को सही दिशा देने की ज़िम्मेदारी आप जैसे शिक्षण संस्थानों की ही हैं।मेरे प्रिय विद्यार्थियों आप उपाधि ग्रहण कर रहे हैं,अपने आपको सिर्फ डिग्री प्राप्त करने तक ही सीमित न रखें।डिग्री लेना ही आपका मकसद नहीं होना चाहिये। आपको अपने जीवन के कर्म-क्षेत्र में अपनी दक्षता एवं प्रतिभा से एक विशिष्ट पहचान बनानी है। किसी भी क्षेत्र में कार्य करें उसमें उत्कृष्टता हासिल करने की ललक होनी चाहिये।ज्ञान आधारित प्रतियोगिता के इस युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना आवश्यक है।शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक सु-संस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में विकसित हों। नैतिकवान एवं चरित्रवान हो। तभी वे निश्चित रूप से देश और समाज के लिए अमूल्य संपदा सिद्ध होंगे। विद्यार्थी सच्चे मन से ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ अपने जीवन में अनुशासन, विनम्रता, नैतिकता और परोपकार के मार्ग पर चलें। समाजहित में कार्य करें व दूसरों के कल्याण करने के लिए सदा तैयार रहें। इस विश्वविद्यालय में स्नातक कला, वाणिज्य एवं विज्ञान के अतिरिक्त अभियंत्रण, शिक्षा, बी०फार्मा, बी०एस०सी० नर्सिंग, बी०पी०एड० सहित कई विषयों में पी०जी० की पढ़ाई शुरु की गई है।खुशी की बात है कि मेडिकल कॉलेज में पठन-पाठन प्रारम्भ हो चुका है।आशा है कि यह मेडिकल कॉलेज देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि यहाँ से पढ़े चिकित्सक उच्च कोटि के ऐसे चिकित्सक बने जो समाज के प्रति संवेदनशीलता दिखाये।तथा अपने कार्यों एवं आचरण से सम्पूर्ण चिकित्सा जगत को सुशोभित करें।उन्होंने कहा कि आप एक जन-प्रतिनिधि भी हैं और सर्वश्रेष्ठ विधायक से भी सम्मानित हो चुके हैं। ऐसे में आपसे जन-अपेक्षायें और भी बढ़ जाती है। मैं चाहूँगा कि आप इस क्षेत्र में शिक्षा जगत में एक ऐसा वातावरण स्थापित करें।जहाँ हर किसी को ज्ञान प्राप्त करने की लालसा हो तथा कोई भी व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करने से वंचित न रहें। यह विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्वों के तहत आस-पास के ग्रामों को भी गोद ले। तथा वहाँ की समस्याओं को जानकर उनके निवारण करने का प्रयास करे। यहाँ के विद्यार्थी देश के भरोसे पर खरा उतरें। कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच एवं प्रतिबद्धता के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ें।लक्ष्य को प्राप्त करें तथा राष्ट्रहित में सदा कार्य करें।
कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के टॉपरों को गोल्ड मेडल एवं डिग्री प्रमाण पत्र दिया गया।


कार्यक्रम के मौके पर विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, छतरपुर विधायक पुष्पा देवी, आयुक्त जटा शंकर चौधरी, डीआईजी राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त शशि रंजन, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार साह, आपूर्ति पदाधिकारी शब्बीर अहमद, परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि, विभिन्न संकायों के शिक्षक,विघार्थी एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।