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विधानसभा में विधायक ममता देवी ने मनरेगा की नियुक्ति की अधूरी प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात उठाई

रांची । विधानसभा में ध्यानाकर्षण की सूचना के माध्यम रामगढ़ की विधायक ममता देवी ने मनरेगा की नियुक्ति की अधूरी प्रक्रिया को यथाशीघ्र पूर्ण करने के लिए सदन में मांग की। विधायक महोदया ने कहा कि झारखण्ड के सभी जिलों में मनरेगा के खाली पड़े पदों के लिए राज्य सरकार प्रत्येक जिलों में नियोजित करने हेतु विज्ञापन संख्या 01 / 2021-2022 के माध्यम से विभिन्न पदों पर बहाली हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गई । बहाली की सभी विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात सिर्फ परीक्षा होने बाकी थी । उसके बाद दिनांक 30.11.2021 को मनरेगा आयुक्त पत्रांक संख्या ( N ) 1216 , दिनांक 04.10.21 द्वारा सारी बहाली प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई । अतः झारखण्ड के सभी जिलों में मनरेगा के खाली पड़े पदों पर बहाली की प्रक्रिया को जल्द से जल्द प्रारंभ करने की मांग में सदन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकृष्ट करती हूँ । 

साथ ही विधायक ने चितरपुर प्रखंड में लगभग 50000 की आबादी होने के बावजूद इस प्रखंड में केवल एक ही स्वास्थ्य केंद्र वह भी आवादी से बहुत दूर होने की बात को सदन में उठाया।उन्होंने कहा कि चितरपुर प्रखंड में केवल एक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जो आबादी से बहुत दूर में स्थित है। जिसके कारण वहां के ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। अतः सदन के माध्यम से उन्होंने मांग किया कि आबादी के बीच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जाए। जिससे आम जनों को इलाज में सहूलियत हो सके। गैर संकल्प प्रश्न के माध्यम से विधायक महोदय ने झारखंड राज्य में अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों को बिहार के तर्ज पर चतुर्थ वर्ग के पद पर समायोजन हेतु सदन से मांग किया।
प्रश्न के माध्यम से विधायक महोदया ने रामगढ़ जिला में ओवरलोड वाहनों के संचालन से सरकार को भारी मात्रा में राजस्व की हो रही हानि एवं सड़क की स्थिति भी समय से पहले जर्जर ( खराब ) होने की बात को सदन में उठाया और रामगढ़ जिले ओवरलोड वाहनों का संचालन रोकने के साथ ही संबंधित विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर नियम संगत कार्रवाई करने की मांग सदन से की।
रामगढ़ विधायक ममता देवी ने सदन में शून्यकाल प्रश्न के माध्यम से उठाया नेत्र सहायकों को नियमित करने का मामला, पिछले 10 वर्ष से सरकारी अस्पतालों में अनुबंध के आधार पर कार्य कर रहे नेत्र सहायकों को नियमित किया जाए।