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ओबीसी को 27% आरक्षण और वैश्य आयोग का गठन की मांग को लेकर वैश्य मोर्चा का आंदोलन तेज

तीन दिवसीय भूख हड़ताल शुरू

रांची। ओबीसी को 27% आरक्षण देने, वैश्य आयोग का गठन, छोटे व्यापारियों, दुकानदारों की 10 लाख रुपये तक की ऋण माफी सहित अन्य मांगों पर सरकार की उदासीनता एवं अनदेखी करने के खिलाफ झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु का आज 23 मार्च से राजभवन (रांची) के समीप तीन दिवसीय भूख हड़ताल प्रारंभ हो गया।

उनके साथ केंद्रीय उपाध्यक्ष अजित प्रजापति भी भूख हड़ताल में बैठ गये हैं।जबकि अनेकों केंद्रीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता धरना में बैठे हैं। तीन दिवसीय भूख हड़ताल में बैठे महेश्वर साहु ने कहा कि आज 23 मार्च को शहीद भगत सिंह का शहादत दिवस और डॉ. राममनोहर लोहिया की जयंती है। एक ने गूंगी-बहरी अंग्रेजी सरकार को चेतावनी देने के लिए संसद में धमाका किया था। तो दूसरे ने पिछड़े वर्ग को पहचान और आरक्षण दिलवाने के लिए जीवन भर लड़ते रहे। चूंकि दोनों महापुरुष वैश्य मोर्चा के आदर्श हैं। इसलिए आज के ऐतिहासिक और महान दिवस पर राज्य में सत्तारूढ़ दलों को अपने किये गये वायदे पूरे करने के लिए वैश्य समाज के लोगों ने आंदोलन शुरू किया है।
इस अवसर पर सभा भी की गयी। जिसकी अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष हीरानाथ साहु एवं संचालन इंदु भूषण गुप्ता ने किया।सभा को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार अपना वादा पूरा करें, नहीं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. इसके पूर्व महेश्वर साहु एवं अजित प्रजापति को माला पहना कर भूख हड़ताल शुरू करवाया गया।

 

इस अवसर पर वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार साहु, संजीव चौधरी, केंद्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मण साहु, नंदलाल साहु, केंद्रीय महासचिव अनंतलाल विश्वकर्मा, कपिल प्रसाद साहु, श्रीमती अनिता केशरी, संगठन महासचिव रोहित शारदा, केंद्रीय सचिव शिवनंदन प्रसाद, गुड्डू साहा, संगठन सचिव अनिल वैश्य, दीपक गुप्ता, केंद्रीय सदस्य नंदकिशोर भगत, भुवनेश्वर साव, नरेश साहु, सत्यनारायण प्रसाद, चिंता देवी, जिलाध्यक्ष रोहित कुमार साहु (रांची), सुनील प्रसाद साव (चाईबासा), अमीन मंडल (सरायकेला- खरसावां), महिला मोर्चा की अध्यक्ष रेणू देवी, महासचिव पूनम जायसवाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष हलधर साहु, प्रभात कुमार, कामख्या प्रसाद, दीपेन्द्र प्रसाद साव, मुकेशलाल सिंदूरिया, आनंद बिहारी, अशोक गुप्ता, मोहन साव, गीता राणा, कुसुमलता देवी, उषा देवी, कुंज बिहारी साव आदि उपस्थित थे।