राजयसभा में सांसद ने उठाया सवाल, 67 दोषी अस्पताल पर 8.06 करोड़ लगा जुर्माना
मुख्यमंत्री जी बताएं, क्या कार्रवाई करेंगे
रांची। भारत सरकार की महत्वकांछी योजना आयुष्मान भारत योजना में झारखण्ड में हो रही भर्ष्टाचार से सम्बंधित सवाल राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने उठाया। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से अतारांकित प्रश्न के तहत पूछा की क्या यह सच है कि झारखंड राज्य में स्वास्थ्य माफिया गरीबों के लिए बनाई गई योजना आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग कर निजी अस्पतालों के माध्यम से करोड़ों रुपये का घोटाला कर रहे हैं और सरकार द्वारा ऐसे अनैतिक और अराजकतावादी तत्वों को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं।
जिसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी वाले अर्थात् संदिग्ध/गैर-वास्तविक चिकित्सा उपचार दावों, छद्मरूपण और उपचार पैकेजों/ प्रक्रियाओं आदि के अप-कोडिंग के प्रति शून्य सहनशीलता दृष्टिकोण पर शासित की जाती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण एवी-पीएमजेएवाई की कार्यान्वयन एजेंसी ने धोखाधड़ी-रोधी दिशानिर्देशों का एक व्यापक सेट जारी किया है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को नियमित रूप से धोखाधड़ी-रोधी परामर्शी- पत्र जारी किए जाते हैं। राज्य स्तर पर राज्य धोखाधड़ी रोधी इकाइयों (एसएएफयू) द्वारा समर्थित धोखाधड़ी-रोधी ढांचे की समग्र निगरानी और कार्यान्वयन के लिए एनएचए में राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी इकाई (एनएएफयू) का सृजन किया जाता है। सभी दावों को अनुमोदन और भुगतान देने से पहले ऑन-बेड रोगी फोटो के साथ-साथ अनिवार्य सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। भर्ती और छुट्टी के समय लाभार्थी के आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की सुविधा सभी निजी अस्पतालों में शुरू की गई है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग एक व्यापक धोखाधड़ी विश्लेषिकी समाधान के लिए किया जाता है ताकि धोखाधड़ी का पहले पता लगाया जा सके. एल्गोरिद्म विकसित किया जा सके जिसका संदिग्ध लेनदेन और संस्थाओं एवं अस्पतालों और दावों के जोखिम स्कोरिंग की पहचान करने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा को प्रयोग किया जा सके।
उन्होंने सदन को बताया कि राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने सूचित किया है झारखंड राज्य में कुल 24,449 अस्पताल लेनदेन और 36,373 लाभार्थि रिकॉर्ड धोखाधड़ी के पुष्ट मामलों के रूप में पाए गए। 67 दोषी अस्पतालों पर 8.06 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिनमें से 87.64 लाख रुपये अब तक वसूल किए गए हैं। झारखंड राज्य में 39 निजी अस्पतालों को धोखाधड़ी / अनैतिक प्रैक्टिस में उनकी भागीदारी के लिए पैनल से हटा दिया गया है।
गौरतलब हो कि आयुष्मान भारत योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है। इसके अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का कैश रहित स्वास्थ्य उपचार उपलब्ध कराया जाता है।