चुहाड विद्रोह के नायक थे वीर शहीद रघुनाथ महतो: सुधीर मंगलेश
रजरप्पा(रामगढ़)। जिला के दुलमी प्रखंड के सिरु बुधबाजार मे वीर शहीद रघुनाथ महतो के जयंती मनाई गई। जिसमें मुख्य अतिथि दुलमी प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सुधीर मंगलेश उपस्थित हुए। सभी लोगों ने वीर शहीद रघुनाथ महतो चित्र पर पुष्प अर्पित किया।
मुख्य अतिथि सुधीर मंगलेश ने कहा कि ब्रिटिश सरकार के खिलाफ झारखंड के आदिवासी मूलवासी ने वर्ष 1769 से 1805 के बीच बड़ा आंदोलन किया गया था। उसके नायक थे रघुनाथ महतो उन्होंने सरकार के खिलाफ जनमानस को संगठित कर शस्त्र विद्रोह किया था। तत्कालीन जंगल महाल अंतर्गत मानभूम के एक छोटे से गांव घुटियाडीह अभी नीमडीह प्रखंड में 21 मार्च 1738 को इनका जन्म हुआ था।
गुरिल्ला युद्ध निति से अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले इस विद्रोह को अंग्रेजों ने भी उत्पाती दिया लुटेरा के सज्ञा देते हुए। चुहाड विदेह या चुआड विद्रोह का नाम दिया गया था। रघुनाथ महतो के संगठन से अंग्रेज मेदिनीपुर से हजारीबाग रामगढ़ एवं बांकुड़ा से चाईबासा तक भयभीत रहते थे। विद्रोह की मुख्य वजह अंग्रेज शासकों द्वारा जल जंगल जमीन एवं अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा को हड़प प्ले के नियत रहते थे रघुनाथ महतो की सेना में टांगी फरसा तीर धनुष तलवार भाला आदि से लैंस करीब पांच हजार लोग थे।
ईस्ट इंडिया कपनी ने रघुनाथ महतो को जिंदा या मुर्दा पकडने के लिए ईनाम रखा। 5 अप्रैल 1778 की रात रघुनाथ महतो और उनके सहयोगी के लिए आखिरी रात साबित हुई। सिल्ली प्रखंड अंतर्गत लोटा पहाड़ के किनारे शस्त्र लूटने की योजना बना रहे रघुनाथ महतो की सेना को घेरकर अंग्रेजी फौज ने हमला कर मौत की नींद सुला दिया। मौके पर होन्हे पंचायत मुखिया प्रत्याशी रविकांत महतो, प्रमोद आर्या, शुभम कुमार, बबलू कुमार, संजय महतो, नौशाद अंसारी, उतम कुमार, परन कुमार, राजू कुमार, वरुण महतो आदि मौजूद थे।