बड़कागांव संवाददाता
गर्मियों के दिनों में प्रखंड में पीने योग्य पानी का घोर किल्लत होती है। जिसे देखते हुए सरकार पानी की किल्लत को दूर करने के लिए पेयजल विभाग के द्वारा बड़कागांव प्रखंड में लगभग 40 करोड़ लागत राशि से 20 मीटर ऊंचाई वाला पांच जल मीनार( जरजरा, तिलैया, बड़कागांव,नयाटांड, बुढ़वा महादेव) में बनाई जा रही है। एक जल मीनार लगभग 8 करोड़ का होता है।और प्रखंड भर में ऐसे पांच जल मीनार बन रहा है। गर्मी का मौसम आ गया है लोगों को पानी किल्लत फिर से परेशानिया शुरू हो गई हैं । ससमय जल मीनार से लोगों को पानी नहीं उपलब्ध हो रहा है। प्रखंड में लगभग तापमान 36.-37. सेल्सियस तापमान दर्ज कि जा रही है। जिससे अब धीरे धीरे तालाब शुभ रहे हैं वहीं नदियां सुख गई हैं। जिससे जानवरों को पानी पीने के लिए भटकना पड़ रहा है।
जल मीनार का काम अब तक कहां कितना हुआ है-*
प्रखंड भर में जल मीनार पांच जगह पर निर्माण हो रहा है।पोटंगा में जल मीनार बन कर तैयार है। बिजली भी पहुंच गई है। लेकिन बिजली मीटर नहीं लगने के पोटंगा पंचायत के लोगों को पानी नशीब नहीं हो रहा है। बुढ़वा महादेव में जल मीनार का लगभग 90% काम हो गया है। बिजली नहीं पहुंचने के चलते आस पास के गांवों के लोगों को पानी नशीब नहीं हो रहा है।नयाटांड में जल मीनार का लगभग 80% काम हो गया है। यहां पर पंप हाउस का गैंगवे निर्माण व पाइप लाइन का काम अधूरा है तथा बिजली भी नहीं पहुंच पाई है। बड़कागांव जल मीनार सिर्फ मीनार खडा और पाइपलाइन व पम्प हाउस गैंगवे का निर्माण कार्य प्रगति पर है।यह जल मीनार का काम लगभग 70% काम हुआ है। जरजरा में जल मीनार का काम मीनार खडा हो गया है। लेकिन बाकी काम धरातल पर नहीं दिख रहा है।
मामले को लेकर पेयजल विभाग अभियंता प्रदीप तिर्की ने कहा की
बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत 5 जल मीनार का काम हो रहा है। और सभी जल मीनार बहुत जल्द चालू हो जाएगा। कुछ जल मीनार बन कर तैयार है लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण जल मीनार नहीं चालू हो पाया है।जल मीनार बनाने का अवधि 27 महिना होता है।