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झारखंड में कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए ग्रास रूट कार्यकर्ताओं का रांची में होगा राज्यस्तरीय सम्मेलन

रांचीझारखंड में पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए अब ग्रास रूट कार्यकर्त्ताओं का रांची में राज्यस्तरीय सम्मेलन करने का निर्णय लिया हैं। इस ग्राम रूट कांग्रेस कार्यकर्त्ता सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों के पार्टी कार्यकर्त्ता हिस्सा लेंगे और सम्मेलन में पार्टी के कई केंद्रीय नेताओं के भी भाग लेने की संभावना हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी के नेताओं-कार्यकर्त्ताओं की भूमिका काफी बढ़ गयी है,क्योंकि जिस तरह से एक फिल्म के नाम पर देश में सांप्रदायिक धुव्रीकरण की कोशिश जा रही है और बेरोजगारी, महंगाई समेत जनता के अन्य ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाकर मतदाताओं को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है, उस लड़ाई में केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही साधारण पार्टी कार्यकर्त्ताओं की भूमिका भी बढ़ गयी हैं। ऐसे में सदस्यता अभियान को कैसे गति दी जाए और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष को कैसे तेज किया जाए, इन मुद्दों को लेकर ग्रास रूट कार्यकर्त्ता सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया हैं। उन्होंने बताया कि विचार-विमर्श के बाद होली के बाद सम्मेलन की तिथि की घोषणा की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड में अभी पार्टी के सहयोग से गठबंधन सरकार संचालित हैं। गठबंधन सरकार में कैसे कार्यकर्त्ताओं तथा सरकार के बीच समन्वय बनाया जाए, इन मुद्दों सभी मुद्दों पर ग्रास रूट कार्यकर्त्ता सम्मेलन में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चिंतन शिविर में आयोजित जो प्रमुख मुद्दे उठे, उसमें लगभग सभी कार्यकर्त्ता इस मुद्दे पर एकमत थे कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को संगठन में तुरंत महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाए, जबकि वर्षाे से कार्यरत निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्त्ताओं को तरजीह दी मिलनी चाहिए, इन सारे मुद्दों पर चर्चा के बाद कैसे अमलीजामा पहनाया जाए, इस पर अब जल्द फैसला लिया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण प्रदेश अध्यक्षों से त्यागपत्र मांगा गया हैं। इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए और वैसे समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्त्ताओं को ही संगठन में जिम्मेदारी मिलनी चाहिए, जिन्होंने वर्षाे तक एक साधारण कार्यकर्त्ता की भांति पार्टी की सेवा की हैं, बाहर से आने वाले लोगों को तुरंत संगठन में महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाना चाहिए।