चुनाव में जातिगत चर्चाओं पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए जाएं
आजादी के अमृत काल में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत हर नागरिक की बात हो
रांची। सांसद संजय सेठ ने लोकसभा सत्र के दौरान नियम 377 के तहत समाज में जातिगत चर्चाओं, विशेष रूप से चुनाव में जातिगत चर्चाओं पर रोक लगाने का आग्रह सरकार से किया ताकि समाज का जो ताना-बाना सदियों से चलता आ रहा है।वह कायम रहे।सांसद श्री सेठ ने सदन में कहा कि पहले मुगलों ने और फिर अंग्रेजों ने इस देश के सामाजिक समरसता और ताने-बाने को तोड़ने और क्षत-विक्षत करने का काम किया। यह दुर्भाग्य है कि अब तक हम उसी ढर्रे पर चल रहे हैं। इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम भी हमें देखने को मिले हैं।
श्री सेठ ने कहा कि चुनाव के समय में, अभी हमने देखा कि जातियों में बैठा कर समीकरण दिखाए जाते हैं। फलाने जगह इतने मुस्लिम वोट हैं। फलाने जगह इतने दलित वोट हैं। फलाने जगह इतने फलाने जाति के वोट हैं। फलाने जगह सवर्णों के वोट हैं।
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। एक तरफ मुस्लिमों का वोट दिखाया जाता है, तो दूसरी तरफ हिंदुओं के वोट को जाति में बांट कर दिखाया जाता है। यह सामाजिक समरसता को तोड़ने वाला है। समाज में वैमनस्यता को बढ़ाने वाला है।
सदन के माध्यम से सांसद ने सरकार से आग्रह किया कि ऐसी किसी भी तरह के क्रियाकलापों पर रोक लगाई जानी चाहिए। आजादी के अमृत काल में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तरत हर नागरिक के लिए बात होनी चाहिए। चाहे वह किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति से आता हो। और नहीं तो कम से कम हिंदुओं को जाति में बांटकर अलग-अलग दिखाने की चली आ रही परंपरा को समाप्त करना चाहिए। इसके लिए कड़े कानून बनाए जाने चाहिए ताकि हमारा सामाजिक ताना बाना बना रहे। सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर कड़े कानून बनाएं और ऐसी जातिगत चर्चा पर लगाम लगाया जाए।