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भाषाई आग में राज्य को जलाना चाहती है सरकार : कमलेश सिंह

राष्ट्र भाषा को हटाना हिंदी भाषी लोगों का अपमान : सूर्या सिंह

मेदिनीनगर: झारखंड सरकार ने राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में अंगिका,भोजपुरी और मगही हो हटाकर भोजपुरी,अंगिका व मगही भाषी युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। भाषाई आग में राज्य को जलाने का काम राज सरकार कर रही है।सरकार को इस विषय पर पुनर्विचार करना चाहिए।उक्त बातें झारखंड के पूर्व मंत्री सह हुसैनाबाद के विधायक व राकपा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहि।उन्होंने कहा कि झारखंड के लगभग सभी जिलों में भोजपुरी,मगही और अंगिका भाषा बोली जाती है।अन्य भाषा की तरह मातृभाषा हिंदी को भी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में लागू होना चाहिए।राकपा किसी भाषा को हटाने के पक्ष में नहीं है।इसलिए राकांपा भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार भाषा विवाद पैदा कर राज्य के भोजपुरी,मगही और अंगिका भाषी नवजवानों को राज्य स्तरीय नौकरियों से वंचित रखने का षड्यंत्र कर रही है।जो कभी होने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक लोग भोजपुरी, मगही और अंगिका बोलते हैं। परंतु दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड में नियोजन नीति में इन भाषाओं को शामिल नहीं किया गया है। इससे सभी वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में भागीदारी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि जबतक शिक्षा पर समाज के सभी वर्ग को एक समान अधिकार नहीं मिलता है। तब तक उंच नीच और भाषा का भेदभाव मिटाना संभव नहीं है।जातिवाद, भाषावाद,धर्मवाद में राज्य की जनता को सरकार उलझाना चाहती है।भाई भाई को आपस मे लड़ाने का काम सरकार बन्द करे।सरकार को यदी कुछ करना ही है तो रोजगार के लिए काम करे।अस्थस्नीयता पर राज्य में विवाद उत्पन्न न करे सरकार।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सूर्या सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार ने भाषा विवाद में राज्य को धकेल कर युवाओं को बेरोजगार बनाने का नापाक खेल खेल रही है। राज्य के युवा इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।उन्होंने कहा कि जब उर्दू को राज्य के सभी ज़िले में मान्यता दी जा सकती है। तो हिंदी को भी यह स्थान दिया जा सकता है झारखंड के कोने कोने में हिंदी बोली जाती है। हिंदी को राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों में मान्यता नहीं देना राज्य की हिंदी भाषी जनता के साथ ही साथ राष्ट्र भाषा का भी अपमान है। उनकी पार्टी राज्य के युवाओं के साथ है। कोई भी भाषा जानने वाले झारखंड के किसी युवा के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।इसके लिए जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा। सड़क से संसद तक आवाज़ बुलंद की जाएगी।प्रेस वार्ता में जिला अध्यक्ष रणजीत जायसवाल, विधायक प्रतिनिधि अजीत कुमार सिंह शामिल थे।