रिश्वत का आरोप गलत, ना कभी किसी ने मांगी, ना किसी ने दी : मंच

रामगढ़ विकास मंच ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस

मामला: छावनी परिषद के सीईओ को 50 लाख रुपए घूस देने का आरोप

रामगढ़। छावनी परिषद रामगढ़ के सीईओ पर पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने 50 लाख रुपए घूस लेने का आरोप लगाया है। जिसके बाद से शहर में माहौल इस मुद्दे पर गर्म हो चुकी है। इस बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी संबंध में सोमवार की दोपहर 12:00 बजे रामगढ़ विकास मंच ने शहर के थाना चौक में स्थित होटल ट्रीट के सभागार में एक बैठक करने के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।

रामगढ़ विकास मंच की बैठक में शहर के गणमान्य नागरिक, व्यवसाय, उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में यह बात सामने आई कि रामगढ़ शहर में आबादी बढ़ने अलग जिला बनने और जमीन की कम उपलब्धता के कारण बहुमंजिला इमारतों का निर्माण करना समय के साथ इस क्षेत्र की जरूरत है। इसी मद्देनजर रामगढ़ छावनी परिषद द्वारा पूर्व में नई भवन नियमावली बनाकर लखनऊ कमान को स्वीकृति हेतु भेजी गई थी। इस वर्ष 20 जनवरी को सांसद जयंत सिन्हा के नेतृत्व में संपन्न बैठक में जिसमें ब्रिगेडियर एम श्री कुमार, उपायुक्त माधुवी मिश्रा, छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी एमएस हरी विजय, मनोनीत सदस्य कीर्ति गौरव सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित टीमें जी प्लस फोर बिल्डिंग की मंजूरी का प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी थी। सांसद जयंत सिन्हा छावनी परिषद की नई नियमावली को पारित करा लखनऊ कमान को भिजवाने के इंतजार में है। सांसद जयंत सिन्हा भी इस मुद्दे पर काफी गंभीर नजर आ रहे हैं।

बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि विगत 20 वर्षों से भी अधिक समय के अनुभवों के चर्चा करते हुए कहा कि रामगढ़ छावनी परिषद के पूर्व में भी सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शहर के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाई है। वर्तमान छावनी अधिशासी अधिकारी भी रामगढ़ के विकास के वाहक हैं। ऐसे में पूर्व विधायक द्वारा बगैर किसी प्रमाण के अनर्गल आरोप लगाना पूर्णतया गलत और निराधार हैं। बैठक में कहा गया कि आरोप लगाने वाले को चाहिए कि वह ऐसे लोगों के नाम बताएं जिसे कभी किसी ने कोई रिश्वत मांगी हो, आरोप मढ़ देने मात्र से कोई रिश्वतखोर साबित नहीं हो सकता है। बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि जिस व्यक्ति को रामगढ़ वासियों ने अपना कीमती वोट देकर विधानसभा भेजा उसी व्यक्ति ने हमारी आशाओं पर पानी फेर रहा है। यह अपने आप में एक अनोखी घटना है। रामगढ़ विकास मंच ने छावनी परिषद के सीईओ से अनुरोध किया कि औरतें अनर्गल आरोपों से विचलित नहीं होकर शहर के सर्वांगीण विकास में योगदान करते रहे। मंच ने उम्मीद जताई कि नई बिल्डिंग बायलॉज को स्वीकृति हेतु अतिशीघ्र भेज दिया जाएगा ताकि रामगढ़ में अनिश्चितता का माहौल खत्म हो।
रामगढ़ विकास मंच के कमल बगड़िया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि छावनी परिषद पर रिश्वतखोरी का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा किसी भी व्यवसाय से कभी कोई रिश्वत नहीं मांगी गई है। और ना कभी किसी ने रिश्वत दी है। फिर इस तरह के बेबुनियाद आरोप किसी अधिकारी पर लगाना अत्यंत अशोभनीय है। कमल बगड़िया ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में रामगढ़ विकास मंच का हर सदस्य छावनी परिषद के साथ खड़ा है।ऐसे बयानों को गलत और मनगढ़ंत करार देता है।
रामगढ़ रामगढ़ विकास मंच की बैठक में कमल बगड़िया, विजय मेवाड़, अमरेश गनक,अशोक छाबड़ा, संतोष तिवारी, अशोक सिंह, सर्वेश सिंह, सुरेश गणक, रंजीत यादव, रोहित सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे।